फिल्म इंड्रस्टी में ऐसे कई अभिनेता हुए हैं। जिन्होंने कड़े संघर्ष के दम पर बड़ा मुकाम हासिल किया है। इनमें से एक हीरो नंबर 1 के नाम से प्रसिद्ध गोविंदा भी हैं। गोविंदा ने अपने संघर्ष के दिनों में खूब मेहनत की ओर अपना सिक्का फिल्म इंड्रस्टी में जमा दिया।
165 से अधिक फ़िल्में कर चुके गोविंदा के अपनेपिता अरुण आहूजा से भले ही ज्यादा अच्छे रिश्ते न रहें हों लेकिन गोविंदा मरते समय तक अपनी माता की सेवा लगातार करते रहें। गोविंदा का अपनी मां के प्रति प्रेम देखने के बाद उनकी पत्नी सुनीता ने यहां तक कह दिया था कि भले ही उन्हें चीची (गोविंदा) जैसा पति न मिले लेकिन बीटा उनको उन्हें उनके ही जैसा चाहिए। गोविंदा अपनी मां को याद करके आज भी भावुक हो जाते हैं।
गोविंदा की पत्नी ने कही यह अहम बात
हालही में गोविंदा तथा उनकी पत्नी सुनीता कपिल शर्मा के शो पर पहुंचें। यहां पर दोनों ने अपने निजी जीवन के कई अनुभवों को शेयर किया। गोविंदा की पत्नी ने गोविंदा का अपनी मान के प्रति प्रेम को लेकर कई खुलासे किये। उन्होंने कहा कि गोविंदा अपनी मान को सबसे अधिक प्रेम करते थे। उन्होंने आज तक गोविंदा जैसा बेटा नहीं देखा है। सुनीता ने कहा कि ये पति तो अच्छे हैं लेकिन बेटे बहुत अच्छे हैं। मैं चाहती हूँ की अगले जन्म में मुझे गोविंदा जैसा ही बेटा मिले।
सुनीता बताती हैं कि जब मैं शादी के बाद गोविंदा के साथ पहली बार घर आई थीं तब गोविंदा ने मुझे सबसे पहले यही कहा था की यहां मेरी मां की मर्जी के अलावा एक पत्ता भी नहीं हिलता है। मैं गोविंदा के प्यार में इतनी डूबी थीं की मैंने उफ़ तक नहीं की ओर हर बंदिश को स्वीकार किया।
सफलता का श्रेय मां को देते हैं गोविंदा
गोविंदा का अपनी मां के प्रति प्रेम कभी छिपा नहीं है। समय पर इसको जाहिर करते रहें हैं। इंडियन प्रो म्यूजिक लीग शो में अपनी मां के साथ पहुँच कर गोविंदा ने अपने प्रेम को दर्शाया था। गोविंदा ने कहा की मैं खुशकिस्मत हूँ कि मुझे अपने पेरेंट्स की सेवा करने का मौका मिला।
गोविंदा कहते हैं कि मैं आज जो भी हूँ अपनी मां के आशीर्वाद से ही हूँ। एक समय था जब मैं खोली में रहता था। मेरे सारे सपने मिट्टी में मिल चुके थे। लेकिन मेरी मां ने बड़े सपने देखने की ऑंखें मुझे दी। लोग उनसे पूछते थे की आप इतनी प्रार्थना क्यों करती हैं। आज उनकी प्रार्थनाएं स्वीकार हुई। गरीबी से लेकर अमीरी तक का सफर उन्होंने मेरे साथ देखा। आज मैं जो कुछ भी हूँ इसका श्रेय मैं अपनी मां को देता हूँ।