नई दिल्ली। सरकार कर्मचारी संगठनों की मांग पर सातवें वेतन आयोग का गठन कर उसकी सिफारिशों को लागू कर दिया है। इसके बाद कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में जनवरी 2023 से 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी। सरकार के इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा फायदा हुआ है। सरकार के इस निर्णय के बाद अब महंगाई भत्ता 38 फीसदी से बढ़ कर 42 फीसदी हो गया है। लेकिन कर्मचारी वेतन में लगातार विसंगति की शिकायत कर रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि वेतन जितना बढ़ कर आना चाहिए उतना नहीं आ रहा है।
कर्मचारी संगठन अब सरकार से 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं। अफवाह तो यह भी है कि यदि आठवां वेतन आयोग गठित होता है तो कर्मचारियों की बल्ले बल्ले हो जाएगी। आठवां वेतन आयोग गठित होने पर कर्मचारियों को 44 फीसदी का लाभ मिल सकता है। यदि सरकार कर्मचारियों की मांग पर अमल करती है तो कर्मचारियो को ज़बरदस्त फायदा हो सकता है।
दूसरी ओर सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि उसका इरादा अब 8वां वेतन आयोग गठित करने का बिल्कुल भी नहीं है। लेकिन कर्मचारी संगठन भी मानने को तैयार नहीं है। आगे सरकार क्या निर्णय लेती है इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
मौजूदा समय में कर्मचारियों को न्यूनतम सैलरी 18 हजार रुपये मिल रही है। ऐसे में महंगाई भत्ता जो बढ़ता है उसमें फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) का विशेष रोल है।
पहले जो फटमेंट फैक्टर 2.57 गुना था वह 8वां वेतन लागू होने पर बढ़ कर 3.68 गुना हो जाएगा। इसके बाद कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 26 हजार रुपये हो जाएगा।
लागू हो सकता है आठवां वेतन आयोग
सरकार ने भले ही आठवें वेतन आयोग को लेकर चुप्पी साध रखी है लेकिन सूत्रों का मानना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार इससे संबंघित कोई बड़ी घोषणा कर लाखों कर्मचारियों को तोहफा दे सकती है। यदि वाकई ऐसा होता है तो 7वें वेतन आयोग की बजाय देश में 8वां वेतन आयोग गठित हो जाएगा जिसकी सिफारिशें 2026 से सरकार लागू कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बड़ा अंतर आ जाएगा।