नई दिल्ली : देश में अगले साल यानी 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार नरेंद्र मोदी ने कर्मचारी बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) EPFO ने मंगलवार को ईपीएफ पर लगने वाले ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करने को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। पहले जमा राशि पर 8.10 का ब्याज दर निश्चित किया गया था जो अब बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया गया है. यानी अब पीएफ खाते में जमा रकम पर ज्यादा ब्याज दिया जाएगा। इससे पहले मोदी सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों को डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी भी करके उन्हे क बड़ी खुशखबरी दी थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) ग्राहकों के लिए यह भी किसी बड़े तोहफे से कम नही है। नरेंद्र मोदी सरकार अप पने कर्मचारियो के एक के बाद एक खुशखबरी देकर खुश करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले डीए बढ़ोतरी और फिर पीएफ पर ब्याज बढ़ाने का फैसला।
बता दें कि EPFO ने साल 2021-22 में ईपीएफ पर लगने वाले ब्याज दर 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दी थी, जो पिछले 40 साल में सबसे कम ब्याज दर आंकी जा रही थी।
ब्याज बढ़ने का पूरा गणित
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) पर लगने वाले ब्याज के आकंलन को समझें तो कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी अंशदान हर महीने करता है।
कंपनी/नियोक्ता भी अपने कर्मचारी के खाते में उतना ही 12% का ही योगदान करती है। दोनो राशि के योगदान का 8.33% ईपीएस में और 3.67% ईपीएफ में जाता है। ईपीएफ खाते में जमा इस राशि पर ब्याज मिलता है।
EPFO Interest of 81500 Rupees Credit
किसी भी कर्मचारी के खाते में कुल जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज की बात करें। तो इसके लिए बताते है कि किसी कर्मचारी के EPFO पीएफ खाते में 10 लाख रुपए जमा हैं और इस जमा राशि पर 8.15 फीसदी सालाना की दर से 8,1500 रुपए का ब्याज मिलता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में पहले यह 8,1000 रुपये हुआ करता था, यानी इसमें 500 रुपये का इजाफा होगा।