नई दिल्ली। पति पत्नि का रिश्ता एक विश्वास की कच्ची डोर से बंधा होता है। जिसमें थोड़ी सी दरार पड़ने पर टूट जाता है। फिर या तो परिवार बिखरता है। या फिर दोनों को हमेशा के लिए अलग रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसी ही एक मामला ब्यावर की अदालत में देखने को मिला। जहां 10 सालों से अलग रह रहे पत्नी-पति एक दूसरे के बड़े दुश्मन हुआ करते थे। लेकिन न्यायलय के हस्तक्षेप के बाद दोनों के दिलों से शिकायतों का गुबार फूट निकला। इसके बाद 10 साल से आखों में बंद पड़े आंसू सैलाब बनकर उमड़ पड़े। दोनों मे आपस में एक दूसरे से गीले, शिकवे, तन्हाई, रुसवाई की बाते कर डाली। जब मन का गुबार शांत हो गया तब एक बार फिर दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाई, हमेशा खुश रहने का वादा लिया और एक अपने घर को रोशन बनाने चल पड़े।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार ब्यावर में शनिवार को राजस्व न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां एक दशक से लग रह रहे दम्पती के बीच के मामले को हल कराया गया। जिसके बाद दोनों की सहमति से दम्पती ने एक दूजे को माला पहनाई। और सारे गिले शिकवे को दूर करने के बाद दोनों एक दूसरे के साथ रहने को राजी हो गए।
न्यायाधीश डॉ. जीतेन्द्र सांवरिया व अधिवक्ता लक्ष्मणसिंह पंवार ने न्यायालय में चले रहे10 साल पुराने वैवाहिक प्रकरण में पति-पत्नी को बुलाकर उनके बीच समझौता करवाया। दस वर्ष से अलग-अलग रहे रह दम्पती ने कोर्ट परिसर में ही एक-दूसरे को माला पहनाकर साथ रहने पर सहमति जाहिर की।