Rajasthan: गुलाबी शहर के नाम से मशहूर राजस्थान में फिलहाल तो कांग्रेस की सरकार है. असल में जब भी आप जयपुर में जाएंगे तो आपका ध्यान वहां पर लगे गुलाबी होर्डिंग्स पर नज़र पड़ेगा. इन होर्डिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बड़ी सी तस्वीर के साथ उनकी योजनाओं के बारे में लिखा हुआ है. इस होर्डिंग पर महिलाओं के लिए आर्थिक लाभ से लेकर बिजली के बिल में छूट और युवाओं के लिए नौकरी तक सब शामिल है. इसकी सबसे खास बात तो यह है कि इन होर्डिंग में ना तो पार्टी का कोई चिह्न है और ना ही कोई गांधी परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आता है. ऐसे में यह साफ़ नज़र आ रहा है कि इस बार का चुनाव गहलोत के दम पर लड़ा जाएगा.
यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी का कार्यालय इस वक़्त में भी सुनसान पड़ा है. इतना ही नहीं यहां पर वरिष्ठ नेताओं और विधायकों का तांता भी नहीं लगा हुआ है. जो फीडबैक मिल रहा है वहां से खबर सामने आयी है कि गहलोत के खिलाफ किसी तरह की कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है, वही कई सारे मंत्री इसका सामना करने को मजबूर हैं.
पायलट के लिए है परीक्षा की घड़ी
बात राजस्थान के चुनाव की करें और वहां बात सचिन पायलट की ना करें ये मुश्किल होगा. पायलट के घर तो जैसे विधायकों का तांता लगा हुआ है जबकि वो सिर्फ कागज पर विधायक हैं.जो भी लोग टिकट की चाह रखने वाले है उन्हें विश्वास है कि सचिन उनका टिकट कैसे भी करके पक्का करवा देंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दे पायलट को पिछले चुनाव में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. वैसे भी पायलट गुज्जर समाज से आते हैं. और पिछली बार के चुनाव में इस समाज ने एकतरफा कांग्रेस को वोट किया था. उन लोगों को ऐसी उम्मीद थी कि सचिन को मुख्यमंत्री चुना जाएगा. लेकिन उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया. ऐसा नहीं है वो पीछे हटे है उन्हें उम्मीद है कि सचिन पायलट का टाइम आएगा.
वसुंधरा राजे
बात अगर भाजपा के कार्यालय की करें तो वहां पर नेताओं के घर पर हलचल है. वैसे भाजपा राज्य में हर बार नई सरकार के विश्वास पर भरोसा करके आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहती,लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि वह गहलोत के भ्रष्टाचार और पायलट के भविष्य पर तो बात कर रहे हैं लेकिन बात जब वसुंधरा राजे की आ रही है तो चुप्पी साध लेते है.