Langda Aam History: गर्मी का मौसम आते ही बाजार में आम का आना शुरू हो जाता है। हमारे देश में आम (Mango) की 1500 से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं। जिसमें लंगड़ा (Langda) और दशहरी (Dussehri) आम सबसे मीठा होने के कारण लोगों के बीच काफी पसंद किया जाता हैं। लंगड़ा आम (Langda Aam) इस अजीब से नाम को सुनकर आपको भले ही आश्चर्य होता होगा कि मीठाससे भरपूर इस आम का नाम लंगड़ा ही क्यों रखा गयाहैं?
दावा किया जाता है कि लंगड़ा आम का इतिहास करीब 300 साल पुराना है। जो यूपी के वाराणसी (Varanasi) से ज्यादा पाया जाता है। लंगड़ा आम के नाम का इतिहास बेहद दिलचस्प है, आइए इसके बारे में जानते हैं.
आम का नाम लंगड़ा क्यों?
बताया जाता है कि बनारस में साधु रहा करते थे। जिनकी आम की इस बागिया थी। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी उन्होंने एक पुजारी को दे रखी थी। पुजारी दिव्यांग थे। इसलिए लोग उन्हें लंगड़ा पुजारी कहकर बुलाते थे। और शायद इसी वजह से उनके बाग के आमों को लोग लंगड़ा आम कहने लगे। इसीलिए आम की इस प्रजाति को लंगड़ा आम या बनारसी आम कहते हैं.
लंगड़ा आम का इतिहास
बता दें कि लंगड़ा आम देश में ही नही विदेशों मे भी फेमस है। यह भीरत से अन्य देशों में जाता है। रसीला और स्वादिष्ट इस आम का उत्पादन हर साल लाखों टन के करीब का होता है। यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में लंगड़ा प्रजाति का आम की उपज काफी है।
कैसे करें पहचान
लंगड़ा आम आकार में अंडाकार होता है। इसके नीचे का भाग हल्का नुकीला होता है. इस कारण से इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. लंगड़ा आम पकने के बाद भी हरे रंग का ही रहता है. लंगड़ा आम की गुठली चौड़ी और पतली होती है।