नई दिल्ली: अक्सर फिल्मों में या कार्टून्स में आपने समुद्री लुटेरों से जुड़ी कहानी देखी या पढ़ी जरूर होगी। जिसमें हम बचपन से ही इन लूटेरों की आखों में पट्टी बंधी देखते आए है। लेकिन क्या आपने इस बारे में कभी जानने की कोशिश की है कि  हर समुद्री लुटेरे की एक आंख पर पट्टी क्यों बंधी रहती हैं ऐसा करके वो क्या हासिल कर लेते है। इस तरह के समुद्री लुटेरे की कई फिल्में बन चुकी है जिसमें उनके किरदारों को आप इसी रूप में देख सकते हैं।

आंख पर पट्टी बांधने की वजह

इंसान की आंखें शरीर की सबसे ज्यादा संवेदनशील अंग होती है, जिसकी मदद से दुनिया के हर रंगों के साथ इंसान को देख पाते हैं। ऐसे में जब कभी इंसान उजाले से अंधेरे की ओर जाता है, तो उसकी आंखों की पुतलियां सामान्य के मुकाबले ज्यादा फैल जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है, ताकि आंखों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में प्रकाश मिल सके और वह अंधेरे की चीजों को भी गहराई से देख पाए। लेकिन जब इंसान अंधेरे से बाहर की रोशनी में आता है, तो आंखों की पुतलियां न तो फैलती हैं और न ही सिकुड़ती हैं। बल्कि उजाले में आते ही आंखे तुरंत अपने अनुरूप काम करना शुरू कर देती हैं, जिसकी वजह से समुद्री लुटेरों को एक आंख पर पट्टी बांधनी पड़ती है।

समुद्री लुटेरे बांधते हैं पट्टियां

समुद्री लुटेरों हमेशा कई महीनों तक पानी के ऊपर जहाज में यात्रा करते हैं। इस दौरान उन्हें बार-बार डेक पर जाते हुए अपनी सुरक्षा के लिए चारों ओर नजर रखनी होती है, जिसकी बीच काफी अंधेरे भरी जगह भी उन्हें मिलती है। ऐसे में जब लुटेरे डेक में घुसते हैं तो अपने आंख पर लगी काली या लाल पट्टी को हटा देते हैं, ताकि वह अंधेरे में भी चीजों को आसानी से देख सकें।

दरअसल अगर समुद्री लुटेरे अपनी एक आंख पर पट्टी नहीं बांधते हैं, तो उन्हें उजाले से अंधेरे की ओर जाने पर पूरा साफ-साफ दिखाई नहीं देता है। ऐसे में वह जहाज की सुरक्षा करने में असफल हो जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी आंखों का खास ख्याल रखना पड़ता है।

समुद्री लुटेरों को होता है यह फायदा

समुद्री लुटेरों द्वारा एक आंख पर पट्टी बांधने का फायदा यह होता है उजाले से अंधेरे की ओर जाने पर उनकी आंख की पुतली इतनी तेजी से नही फैल पाती है क्योंकि वो पट्टी की वजह से पहले से ही अंधेरे में रहने के आदी हो जाते है।

काफी पुराना है आंखों पर पट्टी बांधने का नियम

समुद्री लुटेरों की आंख पर पट्टी बांधने का नियम अभी का नही है बल्कि काफी पुराना है, क्योकि इसी की वजह से लुटेरे अधेरे में और उजाले दोनों ही स्थिति में अपने दुश्मन से लड़ने के लिए तैयार रहते है। हालांकि रात के समय समुद्री लुटेरे अपनी आंख पर लगी पट्टी को हटा देते हैं, क्योंकि उस समय चारों तरफ अंधेरा होता है और आंखों की पुतलियों को ज्यादा काम करने की जरूरत नहीं पड़ती है।