नई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है जहां पर पर्तिभाशाली लोगों की कमी नही है। लेकिन उचित संसाधन ना मिलने के कारण इनके गुण दबे रह जाते है। लेकिन इसी देश का एक ऐसा शख्स जिसने अपनी गरीबी का मजबूरी ना बनाकर ऐसा काम कर दिखाया है कि आज देश में ही नही विदेशों में भी उसकी गूंज सुनाई दे रही है। चीन में तो बच्चों की पढ़ाई में इसके नाम का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है।

उत्तरी चीन के शांक्सी प्रान्त की राजधानी शिआन में स्कूलीं बच्चों को उत्तराखंड के देव रतूड़ी की कहानी पढ़ाई जा रही हैं। उत्तराखंड के पड़ाड़ी क्षेत्र में रहने वाले देव रतूड़ी जो रोजगार की तलाश में अपना गांव छोड़ देते है और दिल्ली और मुम्बई जैसे शहरों से भटकते हुए वो चीन के एक रेस्टोरेंट में पहुंचे। चीन के इस रेस्टोरेंट में अपनी जिंदगी के पहले पड़ाव की शुरूआत बतौर वेटर से की।

टिहरी गढ़वाल के छोटे से गांव केमरिया में रहने वाले देव रतूड़ी का जन्म साल 1978 में उत्तराखंड के इसी छोटे से गांव में हुआ था। पहाड़ में गरीबी की जिंदगी बीता रहे परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद वो नौकरी की तलाश में घर से निकल पड़े।  दिल्ली से मुम्बई के अलावा महानगरो से होते हुए दर बदर भटकते रहे। इसी बीच उन्होने मार्सल आर्ट की ट्रनिंग भी ली।

दिल्ली में काम करते हुए साल 2005 में उन्हें चीन जाने का मौका मिला। जहां शैन्ज़ेन शहर की एक होटल में वेटर के रूप में काम करने लगे। उन्हे इस काम के 10,000 भारतीय रूपये मिलते थे। उस समय वो दिन में काम करता रात को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेते थे। ऐसे ही दिन रात संघर्ष करते हुए सात साल बीत गए।  इसके बाद 2 साल वेटर की नौकरी के बाद मैनेजर के रूप में एक जर्मन रेस्टोरेंट में नौकरी करने लगे। धीरे धीरे काम में लगन इतनी बढ़ी कि 2010 में वो रेस्टोरेंट चेन के एरिया डायरेक्टर नियुक्त कर दिए गए। साल 2012 में उन्होने ख़ुद का रेस्टोरेंट ‘रेड फोर्ट’ के नाम से खोला लिया।

इसके बाद देव रतूड़ी की मुलाक़ात उनके रेस्टोरेंट में आए एक चीनी डायरेक्टर से हुई। जो अपनी फिल्म स्पेशल स्वाट (Special Swat) के लिये भारतीय कलाकार को ढूंढ रहा था। देव रतूड़ी को चीनी फिल्मों में एक छोटा सा रोल मिल गयाष इसके बाद तो जैसे उनकी किस्मत ही पलट गई। इसके बाद देव रतूड़ी ने मुड़कर नही देखा।

देव रतूड़ी अब तक 35 से ज्यादा चीनी फिल्मों, टीवी सीरियल और वेब सीरीज में काम कर चुके हैं। आज वह चीनी फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ नाम बन चुके हैं। इस समय उनके 8 रेस्ट्रोरेंट है वह आज भी उत्तराखंड के लोगों से जुड़े हुए है और उनकी खूब मदद भी करते हैं उनके रेस्ट्रोरेंट में काम करने वाले 70 लोगों में 40 उत्तराखंड के हैं। देव रतूड़ी के जीवन के संघर्ष की यही कहानी शिआन के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जा रही है।