नई दिल्ली: आज पूरा देश चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की चंद्रमा के साउथ पोल इलाके में हुई सफलतापूर्वक लैंडिंग से पूरे जोश के साथ झूम रहा है। क्योकि इसकी लैंडिंग से देश में नही बल्कि पूरी दुनियां में इतिहास रच दिया है। जिसका पूरा श्रेय इसरो के वैज्ञानिकों पर जाता है। अब इस मिशन की बड़ी सफलता से राजस्थान (rajasthan news) का नाम भी तेजी से चमक रहा है क्योंकि इस राज्य की बेटी सुनीता खोखर ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।

डीडवाना की बेटी सुनीता खोखर (sunita khokhar) ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग में अपना विशेष योगदान देकर अपने राज्य के साथ भारत का नाम रोशन किया है।

आपको बता दें कि चंद्रयान 3 की सफलता के बाद से भारत चांद की तह तक पहुंच गया है जिसके बाद से अब चंदा मामा हमसे दूर नही बल्कि हमारे बिल्कुल पास हो गए है। चंद्रयान 3 चांद साउथ पोल उस इलाके में पहुंचा है जहां आज तक कोई भी देश  पहुंचने में असमर्थ रहा है।  देश के सपने, और करोड़ों देश वासियों के विश्वास को साथ लेकर चला ‘चंद्रयान-3’ 14 जुलाई को रवाना हुआ था और 23 अगस्त की शाम वो चांद की तह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया।

चंद्रयान का सेंसर बनाने में रहा अहम रोल

चंद्रयान-3 में उपयोग में आ रहे सेंसर को बनाने का काम सुनीता खोखर निभा रही थीं। जो सेंसर के माध्यम से चंद्रयान की गति और ऊंचाई को बताने का काम कर रही थीं। सेंसर के माध्यम से सारी एक्टिविटी को लेकर प्रोग्राम बनते हैं। और उसी से ही सारी सूचनाएं इसरो के वैज्ञानिकों को प्राप्त होती है।

सरकारी स्कूल से की पढ़ाई

चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभाने वाली सुनीता खोखर एक किसान की बेटी है। जिसने धरती से जुड़ने के बाद अब आसमान की ऊचाईयों का छूकर दिखा दिया है। सुनीता खोखर का जन्म डीडवाना उपखंड के ग्राम डाकीपुरा में 20 जुलाई 1993 को हुआ था। सुनीता ने कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई पास ही के अपने गांव के सरकारी स्कूल से की थी. इसके बाद उसने गांव से निकलकर उच्च शिक्षा हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दूसरे प्रयास में इसरो में जाने में सफल हुई। फिर चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा बनकर सुनीता ने डीडवाना का मान बढ़ाया है।