उत्तराखंड के पंतनगर में इन दोनों अखिल भारतीय किसान मेला लगा हुआ है। इस मेले में थाईलैंड के मीठे आम की एक प्रजाति जिसे लोग थाई 12 मासी मीठा आम के नाम से जानते हैं। लोगों के लिए यह आम की प्रजाति आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस आम की सबसे बड़ी खासियत इसमें साल में तीन बार फल लगना है। पेड़ लगाने के पांच साल बाद इस खास आम के पौधे में 50 किलो से अधिक आम की फसल मिल सकती है।
थाई बारहमासी आम दो साल में देने लगता है फल
उत्तराखंड के पंतनगर में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला सुर्खियों में है। दरअसल यहां पश्चिम बंगाल के स्टॉल में रखे गए विशेष आम की प्रजाति जो थाईलैंड का आम है और इसे थाई बारहमासी मीठा आम के नाम से जानते हैं। आम की ये वेरायटी इस लिए भी सभी के आकर्षण का केंद्र है क्योंकि इस प्रजाति के पेड़ मात्र 2 साल में फल देने लगते हैं। और इसका फल बेहद मीठा होता है। जानकार इस पेड़ को वायरस फ्री बताते हैं।
देश के कई राज्यों में लगाए जा रहे हैं पेड़-
एक किसान जो अपनी खुद की नर्सरी के का संचालन करते हैं उनका नाम अयन मंडल है, उन्होंने बताया की थाइलैंड का ये बारहमासी आम जो काफी चर्चित है इसे बांग्लादेश के कृषि वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। वहां इस आम को काटी मन नाम के नाम से पुकारते हैं। इस कम की खेती गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, यूपी के किसान प्रोफेशनली इसकी खेती कर रहे हैं।