Ashok Gehlot:राजस्थान में चुनाव होने है और जब भी चुनाव कि बात आती है कांग्रेस विपक्ष से बाद में खुद में पहले लड़ने लग जाती है. इस बार चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षण में कांग्रेस के लिए बहुत बुरी खबर है. कई सारे लोगों ने, ओपिनियन पोल ने और तो और सर्वे ने कहा है कि हो सकता है इस बार बहुमत बीजेपी को मिले. हालाँकि राजस्थान में ये बात भी सच है कि राजस्थान कभी सत्तारूढ़ दल अपने सत्ता को वैसे ही बनाकर नहीं रख पायी. ऐसे में कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी चुनौती साबित होने वाली है.1993 के बाद कोई भी ऐसा दल नहीं है जो इसे बनाकर रख पाया. चलिए आपो कुछ फैक्टर के बारे में बताते है.

ये चीज़े पलट सकती है सत्ता

आपकी जानकारी के लिए बता दे अशोक गहलोत अपनी सुरक्षा से जुडी योजनाओं को बार बार दोहरा रहे है. पुरानी पेंशन बहाली से लेकर वृदावस्था पेंशन, 500 रुपए में सिलेंडर और तो और शहरी रोजगार योजना तक को बार बार लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में गहलोत सरकार को लग रहा है कि इन योजना के वजह से दुबारा यही सत्ता में आएंगे.आपको जानकर हैरानी होगी कि भले ही किसी भी सर्वे में कांग्रेस को वोट कम आ रहे हो लेकिन अशोक गहलोत कि छवि लोगों के नज़र में वैसे ही है. मुख्यमंत्री के पसंद के तौर पर अशोक गहलोत सबसे आगे है. ऐस में कुछ लोगों का कहना है कि इस बार के इलेक्शन में उनको इस चीज़ का फायदा मिल सकता है.

इन सब के बाद एक और सबसे बड़ी बात कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सुलह हो गयी है. जी हां कांग्रेस के आलाकामन ने उनकी सुलह करा दी है. ऐस में हो सकता है कि इस चीज़ का पूरा फायदा कांग्रेस को मिले. क्योंकि साल 2020 में उन्हें बगावत का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार पलड़ा उल्टा है. इस बार 2020 जैसी हालत बीजेपी कि है. अगर cm के तौर पर वसुंधरा राजे का नाम नहीं लिया जाता तो गुटबाज़ी देखने को मिल सकती है.