हमारे देश में आयुर्वेद का इस्तेमाल काफी प्राचीन समय से किया जाता रहा है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां हैं। जिनका मात्र एक पत्ता भी कई बड़ी बिमारियों को दूर कर देता है। आज हम आपको एक ऐसे ही पत्ते के बारे में यहां बता रहें हैं। ख़ास बात यह है कि इस पत्ते का उपयोग आमतौर पर ग्रहणी भोजन में तड़का लगाने में भी करती हैं। पत्ते में एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं जो की कैंसर खतरनाक बीमारी से लगने में सहायक होते हैं।

तेज पत्ते का परिचय

आज हम आपको तेज पत्ते के बारे में बता रहें हैं। भारतीय मसलों में यह अपना ख़ास स्थान रखता है। इसका प्रयोग, सूप, मांसाहारी भोजन तथा पुलाव आदि व्यंजनों में काफी किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम लॉरस नोबिलिस है। इसको स्थानीय भाषा में तेज पात, तेज पत्ता, इंडियन खाजिया आदि कहा जाता है। यह भारत, भूटान, बंग्लादेश तथा चीन में पाया जाता है।

कैंसर की समस्या में कारगर

आपको बता दें कि तेज पत्ता कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। इसी कारण इसका उपयोग कैंसर जैसी कई बीमारियों से लड़ने में किया जाता है। इसके पौधे में एमल्डीहाइड, ऑक्साइड के साथ कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं।

टीबी की बिमारी करता है दूर

तेज पत्ते के पाऊडर का उपयोग दांतों तथा मसूड़ों को स्वस्थ रखने में किया जाता है। अस्थमा के पेशेंट के लिए इसका उपयोग शहद के लिए किया जाता है। इसका तेल यूट्रेस की समस्या में कारगर होता है। इसके तेल का उपयोग टीबी जैसी गंभीर समस्या के उपचार में भी किया जाता है। इसके साथ ही यह आपके पाचन तंत्र को भी सही बनाये रखता है। तेज पत्ते में कई अन्य गुण हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर होते हैं।