Maruti Suzuki Updates भारत की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति के साथ आज से 40 साल पहले हुआ था एक अजीबोगरीब हादसा। 1983 में मारुति की कंपनी में कुछ ऐसा हुआ जिसे आज भी मैकेनिक कॉलेज में पढ़ाया जाता है।
40 साल पहले जब मारुति की कंपनी शुरू हुई थी तो उन्होंने सबसे पहले मारुति 800 मॉडल को बनाया था। भारतीय बाजारों में यह गाड़ी बहुत तेजी से प्रचलित हुई। आज मारुति अपने 16 पैसेंजर व्हीकल की बिक्री भारतीय बाजारों में करती है। आपको बता दे भारत में मारुति की कुल दो प्लांट्स हरियाणा में है और तीसरे प्लांट पर काम चल रहा है।
मैनेजमेंट कॉलेज में आज भी पढ़ाया जाता है यह किस्सा Maruti Suzuki Updates
बहुत समय पहले भारतीय बाजारों में केवल दो तरह की गाड़ियां मिलती थी। किस्सा 1981 का है जब भारतीय बाजारों पर पद्मिनी और एम्बेसडर का राज हुआ करता था। यह गाड़ियां बहुत महंगी होती थी इसलिए सीमित लोगों के पास थी। उसे दौरान भारतीय बाजारों में मध्यम वर्गीय परिवार के लिए एक चार पहिया वाहन की आवश्यकता महसूस होने पर देश दुनिया में टेक्नोलॉजी पार्टनर की शुरुआत हुई।
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किसी तरह यह तलाश जापान में जाकर पूरी हुई। जापान से कई सॉफ्टवेयर इंजीनियर भारत में पहली मारुति सुजुकी की कंपनी शुरू करने आए। मारुति सुजुकी की पहली कंपनी गुरुग्राम में बनी। इस दौरान भारतीय इंजीनियरों और जापानी इंजीनियरों के बीच एक ऐसा किस्सा हुआ जिसे आज भी मैनेजमेंट कॉलेज में पढ़ाया जाता है।
जोगा सिंह ने किया कमाल
ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के मशीन सेटअप में बहुत सारी बड़ी मशीनों का सेटअप करना था। जापान के लिए काम बाकी पर भारत में उसे समय इतनी सुविधा न हो पाने के कारण मशीन को जमीन के अंदर सेट करना बहुत मुश्किल था। एक बहुत बड़ी मशीन को जापानी इंजीनियरों ने लगातार कई बार सेट करने की कोशिश की पर वे असफल रहे और थक्कर अपने होटल लौट गए।
जब भी अगले दिन फैक्ट्री आए तो उन्होंने उसे मशीन को जमीन के अंदर सेट देखा। उन्हें बहुत अजीब लगा और उन्होंने मजदूरों से इसके बारे में चर्चा की। फिर उन्हें पता चला इंजीनियर विभाग के बॉस जोगा सिंह का कमाल है यह। इस विषय में उन्होंने जोगा सिंह से सवाल किया तो उन्हें पता चला कि जोग सिंह ने जमीन में एक बहुत बड़ा गड्ढा बनाया था। इस गड्ढे में बड़ा सा बर्फ डालकर ऊपर से मशीन उसे पर सरका दी गई। जैसे-जैसे बर्फ पिघलती गई मशीन अपने आप जमीन के भीतर सेट हो गई। यह किस्सा आज भी कई सारे कॉलेज में याद किया जाता है।