Guruwar Ke Upay:  हिंदू धर्म में हर दिन का अपना अलग अलग महत्व है. जैसे की सोमवार का दिन शिव भगवान का होता है और बृस्पतिवार का दिन श्रीहरि विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का होता है. आज हम किसी और दिन की नहीं बल्कि बृस्पतिवार की बात करेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत सारे लोगों का बृस्पतिवार कमजोर होता है जिसके वजह से उनके जीवन में बहुत सारी परेशानी आती है. बता दे इस दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का पूजन और उपवास करते है.

कहते है जिस जातक की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है उसको जीवन में सभी प्रकार के सुख होते है और वो अपने जीवन में ऊंचा मुकाम भी हासिल करते है. इसके साथ ही गुरु ग्रह के मजबूत होने से उसकी आय और सौभाग्य में भी बढ़ोत्तरी होती है. वही इसके उल्टा जिस जातक की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है उसको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है तो आप गुरुवार के दिन विधिपूर्वक भगवान श्रीहरि विष्णु के पूजन के साथ-साथ गुरु स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. यही नही इससे आपको बिजनेस और करियर में मनचाही सफलता भी मिलती है. चलिए आपको इस स्रोत के बारे में बताते है.

बृहस्पति कवच

आपकी जानकारी के ले बता दे असल में ये बृहस्पति कवच आपको बहुत फायदा दिलाएगा. इससे आपके जीवन की सभी परेशान दूर होगी और आपका कमजोर बृहस्पति मजबूत हो जाएगा.

अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञम् सुर पूजितम् ।
अक्षमालाधरं शांतं प्रणमामि बृहस्पतिम् ॥
बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः ।
कर्णौ सुरगुरुः पातु नेत्रे मे अभीष्ठदायकः ॥
जिह्वां पातु सुराचार्यो नासां मे वेदपारगः ।
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कंठं मे देवतागुरुः ॥
भुजावांगिरसः पातु करौ पातु शुभप्रदः ।
स्तनौ मे पातु वागीशः कुक्षिं मे शुभलक्षणः ॥
नाभिं केवगुरुः पातु मध्यं पातु सुखप्रदः ।
कटिं पातु जगवंद्य ऊरू मे पातु वाक्पतिः ॥
जानुजंघे सुराचार्यो पादौ विश्वात्मकस्तथा ।
अन्यानि यानि चांगानि रक्षेन्मे सर्वतो गुरुः ॥
इत्येतत्कवचं दिव्यं त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः ।
सर्वान्कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥