Electric TATA Nano: टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा ने कभी सस्ती कार का एक सपना देखा था। इस सपने के तहत उन्होंने TATA Nano को बाजार में उतारा ओर अपने सपने को साकार भी किया। रतन टाटा ने 2008 के ऑटो एक्सपो में पहली बार TATA Nano की झलक दुनिया को दिखाई थी। इसके बाद 2009 से TATA Nano भारत की सड़कों पर उतर चुकी थी। उस समय इस कार की कीमत मात्र एक लाख रुपये रखी गई थी। लेकिन कुछ समय में इसकी सेल काफी कम हो गई। नौबत यहां तक आ पहुंची की टाटा को अपनी इस कार का प्रोडक्शन कम कर देना पड़ा। इसके बाद में BS-IV उत्सर्जन मानदंड लागू होने पर इस कार के प्रोडक्शन को बंद कर दिया गया।
लांच होगी Mini SUV TATA Nano
रतन टाटा ने मिडिल क्लास लोगों के लिए सस्ती कार का सपना देखा था। कुछ ही दिन पहले उन्होंने अपने सपने को लेकर इंस्टाग्राम पर भी एक पोस्ट को सांझा किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि “मैं डूडल बनाते हुए अकसर सोचता था कि बाइक ही सुरक्षित हो जाए तो सही रहेगा। ऐसा सोचते-सोचते मैंने एक कार का डूडल बनाया, जो एक बग्गी जैसा दिखता था। इसके बाद मुझे कार बनाने का आइडिया आया और फिर आम लोगों के लिए टाटा नैनो लेकर आए। यह कार हमारे आम लोगों के लिए थी।” आपको बता दें कि रतन टाटा का यह सपना अब पूरा होने वाला है। जल्दी ही बेहतरीन फीचर्स के साथ Mini SUV TATA Nano आपके सामने होगी।
इसलिए फेल हुई थी TATA Nano
आपको बता दें कि जल्दी ही टाटा समूह Mini SUV TATA Nano को बाजार में लांच करेगा। इस कारको आप Alto से भी कीमत में खरीद सकते हैं। रतन टाटा का सबसे पहले देखा हुआ TATA Nano का सपना बुरी तरह से टूट गया था। आपको बता दें कि TATA Nano के नाकाम होने का कारण उसके टैग को दिया गया। एक्सपर्ट लोगों का मानना है कि गरीब लोगों ने टाटा नैनों को “लखटकिया कार” के टैग से जोड़कर उसको हीन भावना देखा था। जिसके कारण यह कार असफल हुई थी।