नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली होने की खबरे आएं दिन देखने को मिलती है। कभी पेपर के लीक होने की खबर सामने आती है, तो कभी पैसों की हेरफेर करके लोग पेपर में पास हो जाते है। लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जो काफी हैरान कर देने वाला है। जिसमें एक टॉपर स्टूडेंट्स पैसे की लालच में डमी कैंडिडेट बन गया। मामला सामने आने पर एसओजी की टीम ने युवक को सांचौर के जोधवास गांव से गिरफ्तार कर लिया। यह युवक इससे पहले फर्जी परीक्षा देने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
सामने आया यह मामला सांचौर जिले का है। जहां जोधवास गांव में रहने वाला युवक हरचंद देवासी हमेशा प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप रेंक लाकर पास होता था। मगर कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की लालसा में यह युवक डमी कैंडिडेट बन गया। जिसके चलते हरचंद को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। दौसा का रहने वाला डालूराम मीणा भी हरचंद की वजह से ही एसआई बना था। एसओजी डालूराम मीणा को गिरफ्तार कर चुकी है।
जोधावास निवासी हरचंद देवासी भले ही पढ़ाई में मेधावी छात्र रहा है लेकिन घर की गरीबी से वो हमेशा परेशान रहता था। पढ़ाई में होनहार होने के चलते वो हर प्रतियोगी परीक्षा को बड़ी ही असानी के साथ निकाल लेता था। इतना ही नही उसका पांच परीक्षाओं में भी चयन हुआ है। जिसमें तीन परीक्षाओं में वो राजस्थान में टॉप तीन रैंक पर था, लेकिन तेजी से पैसे कमाने के चलते डमी कैंडिडेट बनने का कार्य शुरू कर दिया।
PTET प्रदेश में तीसरी रेंक आने के बाद बढ़ा था हौसला
हरचंद देवासी ने शुरुआत में बीए करने के बाद पीटीईटी की पहली परीक्षा दी। जिसमें ऑल राजस्थान में तीसरी रेंक आई थी। इसके बाद उसने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। हरचंद का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर आज राजस्थान में तीसरी रेंक से नाम शामिल है। हरचंद ने तीन बार नेट-जेआरएफ की परीक्षा पास कर ली थी।
हरचंद देवासी के उपर गिरती रही गाज
हरचंद देवासी का बचपन हमेशा से ही दुख में बीता। पहले 6 महीने की उम्र में पिता का साया सर से उठ गया। पिता के जाने के बाद मां भी दो साल बाद चल बसी। जैसे तैसे दादी ने उसे और एक बहन को पाल पोस कर बड़ा किया। बहन के बड़े होने के बाद जब उसकी शादी हुई तो शादी के 6 महीने बाद ही उसके जीजा की सड़क हादसे में मौत हो गई। पति के गुजर जाने का गम बहन सहन ना कर सकी और कुछ ही समय के बाद वो भी चल बसी। हरचंद जब 11वीं की पढाई कर रहा था तब दादी ने भी उसका साथ छोड़ा दिया। उनकी भी मौत हो गई।
इन दो अभ्यर्थियों के लिए डमी बना, 20 लाख में की थी डील
दौसा जिले के महुवा निवासी डालूराम मीणा से जयपुर में पढ़ाई के दौरान हरचंद देवासी से संपर्क हो गया। डालूराम पहले पटवारी की नौकरी करता था। डालूराम ने हरचंद से 20 लाख रुपए में सौदा किया। 13 सितंबर को हुई परीक्षा मेंहरचंद डमी बैठा। डालूराम पास हो गया। ढ़ाई साल बाद एसओजी के पास डालूराम के फर्जी परीक्षा दिलवाने की शिकायत गई। उसमें दस्तावेज व फोटो जांचे तो पकड़ा गया।