नई दिल्ली। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने की खबरे अक्सर देखने व सुनने को मिलती है। जिसमें एक बार फिर से राज्य में परीक्षाओं के पेपर आउट होने की कभर से हलचल मची हुई है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर में हो रही परीक्षा में केमेस्ट्री का पेपर आउट होने का मामला सामने आया है। जिसमें निजी कॉलेज का आरोपी एग्जाम कॉर्डिनेटर शीलबंद लिफाफा खोलकर उसकी मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर को अपने जानकार लड़कों को भेजकर पैसों की मनमाफिक वसूली करते पाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र के आठों लड़कों ने मिलकर सैकड़ों छात्रों को 500 से लेकर एक हजार रुपए में केमिस्ट्री का पेपर बेचा है। इसके बाद जिन छात्रों ने यह पेपर खरीदे उन्होंने भी अपने अन्य साथियों को पैसा लेकर पेर बेच दिए। उक्त आठों आरोपियों के खातों में पेपर बेचने के ढाई से तीन हजार रुपए ट्रांसफर होने के सबूत भी मिले हैं। हालांकि अभी मुख्य आरोपी (एग्जाम कॉर्डिनेटर) पुलिस के हाथों नही आया है।
दादिया थानाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया है कि शेखावाटी विश्वविदयालय का केमिस्ट्री के पेपर आउट होने में अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती है। उक्त अधिकारियों ने पेपर होने के तीन दिन पहले ही सभी कॉलेजों में पेपर पहुंचा दिए गए, लेकिन प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गया। जिसका नतीजा यह निकला कि वहां पेपर कॉर्डिनेटर ने निजी कॉलेज से पेपर निकालकर उसकी बिना वीडियोग्राफी किए और बिना तीन सदस्यीय कमेटी के निर्देश के प्रश्नपत्र का लिफाफा खोलकर पेपर निकालकर आउट कर दिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि परीक्षा से ठीक 15 मिनट पहले पेपर खोला जाता था, पेपर कॉर्डिनेटर ने एक दिन पहले ही पेपर खोल लिया, इसका मतलब यूनिवर्सिटी प्रशासन के अधिकारियों व फ्लाइंग से भी निगरानी में भी बड़ी चूक हुई है।