नई दिल्ली। इस धरती में अनेक लोगों का शासन रहा। जिसमें कुछ राजाओं की वीरता की कहानी किस्से इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। तो वही कुछ राओं राजा-महाराजाओं की सनक और रंगीनमिजाजी के किस्से काफी सुनने को मिलते हैं। ऐसे ही पटियाला रियासत के महाराज भूपिंदर सिंह (Bhupinder Singh) भी अपने शौर्य से कम रंगीनमिजाजी और सनक को लेकर काफी जाने जाते थें।
महाराज रजिंदर सिंह की मौत के बाद महज 9 साल की उम्र में ही भूपिंदर सिंह के हाथ पटियाला रियासत की बागडोर आ गई। हालांकि 18 साल की उम्र में उन्होंने राज्य की गद्दी को संभालते हुए 38 सालों तक राज्य किया। इस दौरान इस राजा ने अपने राज्य में ऐसे ऐसे नियम बने जो हैरान कर दने वाले थे।
अपनी रंगीन मिजाजी के लिए पहचाने जाने वाले महाराज भूपिंदर सिंह का जीवन भोग विलासिता से भरा रहा है। इस राजा की एक या दी नही बल्कि 365 से भी ज्यादा पत्नियां थीं, जिनके 10 को ही रानी का दर्जा दिया गया था। इस राजा ने अपनी सारी रानियों को पटियाला में एक से बढ़कर एक भव्य महल बनाकर सुविधा दी थी। उनकी सेहत के लिए लोग रुटीन जांच होती थी जिसके लिए देशी-विदेशी डॉक्टरों की एक टीम तैनात रहती थी। इतना ही नही रानियों की की खूबसूरती बनी रहे इसके लिए हेयर स्टाइल से लेकर विदेशी हेयर ड्रेसरों मौजूद रहते थे। जिससे प्लास्टिक सर्जनों की मदद से रानी खूबसूरत रहें।
कहा जाता है कि इतना सारी रानियों के लिए राजा के महल में रोज 365 लालटेन जला करतीं थीं जो हरेक रानी का नाम से जलती थी। राजा लालटेन के आधार पर ही तय करते थे कि उन्हें किस रानी के साथ रहना है
जरमनी दास की किताब के अनुसार राजा ने अपने पटियाला शहर में एक ऐसा महल बनवाया था, जहां सिर्फ बिना कपड़ों के ही लोगों को अंदर प्रवेश करने की अनुमति मिलती थी। महल का एक कमरा प्रेम मंदिर कहलाता था, जहां राजा की इजाजत के बगैर कोई भीतर नहीं जा सकता था।