सरकार ने अब फास्टैग को बंद करने और जीपीएस टोल प्रणाली को शुरू करने की तैयारी कर ली है। इसके अलावा यात्रा के लिए तय की गई दूरी और यात्रा के लिए लगने वाले टोल टैक्स की सटीक गणना के लिए नेशनल हाईवे पर जियोफेंसिंग भी शुरू हो गई है।

इसका मतलब है कि अब टोल टैक्स के लिए पेमेंट फास्टटैग से नहीं की जाएगी और इसका कलेक्शन जीपीएस के जरिये किया जाएगा। तो चलिए अब आपको इससे वाहन चालाकों के होने वाले फायदे और GPS प्रणाली से टोल कलेक्शन की शुरूआत सबसे पहले कौन से नेशनल हाईवे से होने वाली है इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
यह गुड न्यूज नेशनल हाईवे यानी कि राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वालों के लिए है।

सरकार ने अब टोल प्लाजा खत्म करके जीपीएस तकनीक से टोल टैक्स जुटाने की तैयारी में एक कदम और बढ़ा लिया है। दिल्ली-जयपुर हाईवे और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे पहले दो ऐसे राजमार्ग होंगे, जहां पर जीपीएस-आधारित टोलिंग प्रणाली शुरू की जाएगी जिससे यात्री किलोमीटर की संख्या के हिसाब से शुल्क का भुगतान कर सकेंगे।

ये नया टोल सिस्टम (GPS Toll System) लागू होने के बाद सभी हाईवे से टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे और इस सिस्टम से यात्रियों को उतने ही पैसे देने होंगे, जितना वो हाईवे पर चलेंगे।

जितनी दूरी, उतने ही कटेगा टोल टैक्स

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीपीएस टोल प्रणाली की तैयारी का काम शुरू हो चुका है और यात्रा के लिए तय की गई दूरी की सटीक गणना के लिए दिल्ली-जयपुर खंड की बेहतर जियोफेंसिंग शुरू की जा चुकी है।
बता दें कि इसकी शुरुआत मार्च महीने में दिल्ली-जयपुर और बेंगलुरु-मैसूर हाईवे से शुरू हो चुकी है। इस समय 18 लाख से अधिक कमर्शियल वाहनों में जीपीएस-आधारित व्हिकल लोकशन ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया जा चुका है।

धीरे धीरे होगा सब जगह विस्तार

इस नए जीपीएस-आधारित टोलिंग सिस्टम को कई राजमार्गों पर आजमाया जाएगा और धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में संसद को इस बात की सूचना देते हुए कहा था कि नेशनल हाईवे नेटवर्क को टोल प्लाजा से मुक्त करने की नई प्रणाली मार्च में शुरू की जा सकती है।

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत में सभी टोल बूथों को हटाने और वाहनों के लिए जीपीएस-सैटेलाईट बेस्ड टोल कनेक्शन सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। राजमार्गों पर चलने के लिए जगह-जगह पर टोल शुल्क बूथ स्थापित किये जाते हैं और उनके जरिए ही टोल शुल्क वसूला जाता है। इसके लिए बहुत पहले ही केंद्र सरकार ने वाहनों के लिए फास्टैग कार्ड को भी अनिवार्य कर दिया था। इससे वाहन चालक आसानी से अपने कार्ड को रिचार्ज कर सकते थे और उससे टोल बूथ पार कर सकते थे।