सोने की खान की खोज, चीन की माइनिंग तकनीक ने फिर किया कमाल

चीन ने हाल ही में अपने हुनान प्रांत में सोने का एक विशाल भंडार खोजकर वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है। यह खोज न केवल चीन की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय सोने के बाजार पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती है।

हुनान प्रांत के पिंगजियांग काउंटी के वांगू क्षेत्र में यह सोने का भंडार 2,000 मीटर से अधिक गहराई पर मिला है। यहां 40 से अधिक सुरंगों में सोना भरा हुआ है, जिससे इस क्षेत्र को नई उम्मीदों का केंद्र बना दिया है।

300.2 टन सोना मिलने का अनुमान

भूविज्ञानियों की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, वांगू क्षेत्र की इस खान में करीब 300.2 टन सोना मिलने की संभावना है। अगर यह अनुमान सटीक साबित होता है, तो यह चीन के लिए एक बड़ी आर्थिक उपलब्धि होगी। सोने के इस विशाल भंडार की खोज से वैश्विक सोना उत्पादन में चीन की भूमिका और भी मजबूत हो सकती है। यह खोज चीन की माइनिंग तकनीकों और आधुनिक भूविज्ञान में हुई प्रगति का प्रतीक भी है।

सोने की कीमत और वैश्विक प्रभाव

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस खदान में मिले सोने की कुल अनुमानित कीमत 600 अरब युआन, यानी लगभग 69,30,62,36,00,000 रुपये है। इस खोज से चीन की सोने की कुल भंडार क्षमता में वृद्धि होगी और इसकी अर्थव्यवस्था में तेजी आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस खान में सोने का भंडार 3,000 मीटर की गहराई तक हो सकता है, जो 1,000 टन तक पहुंच सकता है। अगर यह सच होता है, तो चीन के सोने के भंडार में एक बड़ा इजाफा हो सकता है।

चीन की सोना उत्पादन क्षमता में वृद्धि

2024 की दूसरी तिमाही तक चीन के सोने के भंडार का आंकड़ा 2,264.32 टन तक पहुंच गया है, जो नवंबर 2022 की तुलना में 314 टन ज्यादा है। वांगू क्षेत्र में नई खोज चीन को अन्य सोना उत्पादक देशों जैसे अमेरिका, रूस, और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुकाबला करने की ताकत देती है। इससे न केवल चीन की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

चीन की एडवांस माइनिंग तकनीकें बनीं चर्चा का विषय

वांगू साइट की खोज ने चीन की एडवांस माइनिंग तकनीकों को दुनिया के सामने रखा है। इतनी गहराई पर सोने की सफलतापूर्वक खोज करना कोई आसान काम नहीं है, और यह चीन की आधुनिक तकनीकों और भूविज्ञान के क्षेत्र में बढ़ते प्रभुत्व को दर्शाता है। चीन की इस उपलब्धि ने अन्य सोना उत्पादक देशों के लिए भी एक नई चुनौती प्रस्तुत की है, जो उन्हें अपनी तकनीकों में सुधार करने के लिए प्रेरित कर सकती है।