हमारे देश में आलू की काफी खेती होती है। बड़ी मात्रा में आलू का सेवन किया जाता है। 12 महीने आलू का सेवन होता रहता है। भारत में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर प्रत्येक मौसम में आलू की पैदावार होती ही रहती है। आलू को सब्जियों का राजा भी कहा जाता है।
आलुओं के पराठे से लेकर कई प्रकार की सब्जियां तक बनाई जाती है। आज हम आपको आलू की उन्नत किस्मों के बारे में बता रहें हैं। यदि आप किसान हैं तो इनमें से किसी भी किस्म के आलू की खेती कर आप चंद माह में लखपति बन सकते हैं। आइये अब आपको आलू की बेहतरीन किस्मों के बारे में बताते हैं।
1 – कुफरी चंद्रमुखी
इसके पौधे का तना लाल तथा भूरे रंग के धब्बे के साथ हरा होता है। इसकी फसल 80 से 90 दिन में पक जाती है। इसकी फसल में 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है। उत्तरी भारत के मैदानी तथा पठारी क्षेत्र आलू की इस किस्म के लिए अच्छे माने जाते हैं।
2 – कुफरी गंगा
आलू की यह किस्म कम समय में अधिक पैदावार देती है। आपको बता दें की इस किस्म से 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आलू की पैदावार होती है। 75 से 80 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र आलू की इस किस्म के लिए अच्छे माने जाते हैं।
3 – कुफरी अलंकार
यह आलू की काफी उन्नत किस्म है। इससे किसान को 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल जाती है। 70 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है। उत्तर भारत का क्षेत्र आलू की इस किस्म के लिए अच्छा माना जाता है।
4 – कुफरी नीलकंठ
आलू की इस किस्म का आलू एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। इसकी उत्पादन क्षमता भी अधिक होती है। इसकी फसल 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी उपज 350-400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। उत्तर भारत के मैदानी इलाके इसकी फसल के लिए अच्छे माने जाते हैं।
5 – कुफरी ज्योति
यह आलू की बेहतरीन किस्म है। यह पहाड़ी, मैदानी और पठारी इलाकों में काफी अच्छा परिणाम देती है। 80 से 150 दिनों में यह तैयार हो जाती है तथा मैदानी इलाकों में यह काफी अच्छा रिजल्ट प्रदान करती है।