अमेरिकी व्यव्सायी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को जल्द ही भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस का लाइसेंस मिलने वाला है। सूत्रों के अनुसार मस्क की भारत आने की घोषणा के बाद से ही टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कंपनी को लाइसेंस देने की प्रक्रिया को तेज कर दिया था। यानी कि अब भारत में जल्द सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
अंदाया लगाया जा रहा है कि कंपनी को अगले 10 दिन में लाइसेंस मिल सकता है। कंपनी ने साल 2022 के अक्टूबर में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। अभी तक सरकार ने कंपनी को लाइसेंस नहीं दिया है। पहले भी सरकार और कंपनी के बीच इसके बारे में बातचीत हो चुकी है। सरकार अगले हफ्ते कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी करेगी।
सबसे पहले कंपनी को ट्रायल के तौर पर तीन महीने का स्पेक्ट्रम दिया जाएगा। एक बार जब ये लाइसेंस मिल जाएगा तो कंपनी ग्राहकों से एडवांस बुकिंग ले सकती है।
अंबानी-मित्तल की बढ़ेगी टेंशन
रिलायंस जियो ने पिछले साल मार्च में अपने नए पोस्टपेड प्लान पेश किया गया था, तब उसको मार्केट में उतना रिस्पांस नहीं मिला था। तो वहीं दूसरी तरफ एयरटेल के पोस्टपेड कस्टमर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसकी बड़ी वजह एयरटेल का पोस्टपेड सर्विस को प्रीमियम बनाना है। इसके साथ ही कंपनी ने ग्राउंड लेवल पर अपनी स्ट्रैटजी को मजबूत कर लिया है।
जिस स्टेटजी से एयरटेल बाजी मार रही है, जिसको अब कड़ी टक्कर देने के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक की इंडिया में एंट्री लेने जा रही है। यदि इंडियन टेलीकॉम मार्केट में स्टारलिंक को हरी झंडी मिल गई तो यह एयरटेल और जियो का टेंशन बढ़ा जाएगा।
स्टारलिंक बन सकता है मुसीबत
अभी इंडिया में एयरटेल-जियो के अलावा वोडाफोन आइडिया, टाटा कम्यूनिकेशन और बीएसएनएल जैसी टेलीकॉम कंपनियां मार्केट में अच्छा खासा बिजनेस कर रही हैं। इनके अलावा भी कुछ छोटी टेलिकॉम कंपनियां हैं, जो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करते हैं। ऐसे में स्टारलिंक का भारत में आना इन कंपनियों के लिए चिंता का विषय है।