कांग्रेस नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पिछले कुछ समय से हमारे देश की राजनीति गलियारों में चर्चित चेहरा बने हुए हैं। कांग्रेस की कन्हैया कुमार को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट देने के पीछे एक दूरगामी रणनीति है।
पूर्वांचली बहुल इस सीट पर बीजेपी की तरफ से मनोज तिवारी के सामने कन्हैया को उतार कर कांग्रेस ने पूर्वांचली के सामने पूर्वांचली कार्ड चलने की कोशिश की हुई है। लेकिन कन्हैया कुमार बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे।
लेकिन इस गठबंधन में ये सीट कांग्रेस को नहीं मिली थी। वैसे भी इसके बारे में अंदाजा लगाया लगाया जा रहा है कि आरजेडी पार्टी कन्हैया कुमार को पसंद नहीं करती है। लेकिन बीजेपी सरकार के खिलाफ बेधड़क बोलने के कारण चर्चा में आए युवा नेता कन्हैया कुमार से राहुल गांधी बहुत ज्यादा प्रभावित हैं।
कन्हैया कुमार को मनोज तिवारी के खिलाफ उतारने की रणनीति
ये खास तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इच्छा थी कि कन्हैया कुमार चुनाव उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़े। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार को यदि लोकसभा चुनाव में जीत हासिल होती है तो दिल्ली में कांग्रेस को एक बड़ा पूर्वांचली चेहरा मिल जाएगा। कन्हैया कुमार मोदी सरकार को ललकारते हुए उन पर हमला भी करेंगे, जिससे कांग्रेस के अभियान को मजबूती मिलेगी।
यदि ऐसे में आठ साल पहले जेएनयू में लगे देश विरोधी नारे और उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार साल पहले हुए दंगे यदि लोकसभा चुनाव का मुद्दा बने तो कन्हैया कुमार का अपना प्रचार अभियान ही उलझ सकता है।
कौन हैं कन्हैया कुमार?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कन्हैया कुमार एक कांग्रेस नेता हैं और उनको पार्टी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया था। कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वो अपने हमलावर भाषणों के लिए देश भर में जाने जाते हैं। कन्हैया कुमार ने साल 2019 में बेगूसराय सीट से लोकसभा सीट चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद साल 2021 में वो कांग्रेस पार्टी से से जुड़ गए थे, और फिलहाल वो कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी भी हैं। बता दें कि आज भी कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का केस चल रहा है। 8 साल पहले जेएनयू में लगने वाले देश विरोधी नारों के बाद से ही वह काफी चर्चा में रहे थे।