खबर मुंबई से सामने आयी है। यहां के एक नामी अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। लापरवाही में ऐसी बरती गई की गर्भवती स्त्री तथा उसके बच्चे की जान चली गई क्योकि महिला की डिलीवरी को टॉर्च की रौशनी में किया गया। यह घटना मुंबई के भांडुप इलाके में बने सुषमा स्वराज प्रसूति गृह से सामने आया है।

अब मृतक महिला के परिजन काफी आक्रोश में हैं। उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दी है तथा डिलीवरी करने वाले डॉक्टर तथा उसके स्टॉफ पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पीड़ित लोगों ने महाराष्ट्र सरकार के दावों को खोखला बताया है। इन लोगों का कहना है की पीएम मोदी इस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ देश को विश्व गुरु बनाने का सपना देख रहें हैं।

यह था पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट्स में मृतक महिला का नाम सहीदुन्निसा अंसारी बताया जा रहा है। भांडुप क्षेत्र की निवासी इस महिला की आयु 26 वर्ष थी। बीते सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर इस महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन अस्पताल मेम बिजली नहीं थी। हालत को बिगड़ती देखकर डाक्टरों ने महिला का प्रसव टॉर्च की रौशनी में कराने का फैसला लिया। बताया जा रहा है की महिला की हालत को देखकर सी-सेक्शन करना पड़ा। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया लेकिन वह साँस नहीं ले रहा था। काफी कोशिश करने के बाद में डॉक्टरों ने बच्चे को मृतक घोषित कर दिया। इसके कुछ ही देर बाद ज्यादा खून निकलने के कारण महिला सहीदुन्निसा की भी मौत हो गई।

समिति की गई गठित

सहीदुन्निसा और नवजात की मौत होने पर इनके परिजन भड़क गए। उन्होंने अस्पताल में नारेबाजी शुरू कर दी तथा हंगामा खड़ा कर डाला। इसके बाद इन लोगों ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस को मामले से अगवत कराया गया तथा BMC को भी खबर दी गई। पीड़ित लोगों ने डाक्टरों की लापरवाही को इस मामले में बताया। विवाद को बढ़ते देख BMC ने 10 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दिया। इस समिति में जेजे अस्पताल के डाक्टरों को शामिल किया गया। इन डाक्टरों को मामले की गहन जांच कर रिपोर्ट को दाखिल करना है। वहीं पीड़ितों को समझा बुझा कर जच्चा-बच्चा के पार्थिव शरीर को लेने के लिए मनाया गया।