Mansinghs Treasure Is Still A Mystery: भारत को ऐसे ही सोने की चिड़िया नहीं बोलते है और ऐसे ही अंग्रेज़ों ने इस पर राज थोड़े ही किया है. एक वक़्त पर भारत बहुत अमीर देश में से एक था. यही कारण है की भारत पर अंग्रेज़ों के साथ साथ मुगलों ने भी राज किया. लेकिन क्या आपको पता है भारत के आजाद होने के बाद एक खजाने के लिए करीब 5 साल में 3 बार खुदाई की गयी बावजूद इसके वो खजाना भारत को आज तक नहीं मिला.
जी हाँ आज भी वो खजाना भारत के पास नहीं है. दरअसल हम जिस खजाने की बात कर रहे है वो खजाना है मान सिंह जी का. यही वो खजाना है जिसके लिए इंदिरा गाँधी ने कितनी मेहनत की और करवाई भी जिसके बावजूद भी खजाना आज तक किसी को नहीं मिला और ना ही किसी के हाथ लगा. चलिए आपको बताते है इसके पीछे की पूरी बात क्या है.
कौन थे मान सिंह
आपकी जानकारी के लिए बता दे मुग़ल काल के वक़्त अकबर भी मान सिंह के अनमोल रत्न में से एक थे. अकबर मान सिंह के सेनापति थे. दरअसल हुआ ये था की अकबर ने मान सिंह को अफ़ग़ानिस्तान फतह करने के लिए भेजा था. अकबर के हिसाब से ऐसा हुआ भी. राजा मान सिंह अफगानिस्तान जीतने के बाद बहुत सारा खजाना लेकर वापस लौटे. लेकिन इसके बाद मान सिंह ने अकबर को ये नहीं बताया की वो बहुत सारे दौलत वहां से लेकर आए है. एक रिपोर्ट के हिसाब से इसे उन्होंने इस धन दौलत को पानी के टंकी में छुपा दिया.
लेकिन इसी के बाद जब ये खबर अंग्रेज़ों के हाथ लगी तो उन्होंने भी इस खजाने को चुराना चाहा लेकिन ये उनके हाथ नहीं लगा इसी के बाद इंदिरा गाँधी जब प्रधानमंत्री बनी तो उनके पास इसके लिए बहुत ही अच्छा मौका था. आपातकाल के दौरान इंदिरा गाँधी के पास अच्छा मौका था. इसी का उन्होंने फायदा लगा कर 5 महीने खुदाई की लेकिन कुछ मिला नहीं. वहां से सिर्फ 230 किलो चांदी मिली थी इसके अलावा वहां से कुछ नहीं मिला.