नई दिल्ली। हमारा देश कृषिप्रधान देश माना जाता है। जहां आधे से ज्यादा अबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि के साथ साथ किसान अपनी आमदनी का साधन पशुपालन को भी मानता है। जिसके चलते गांव गंव के हर घर में आपको पशुओं की अबादी ज्यादा देखने को मिलेगी। आज के समय में पशुपालन का व्यवसाय कमी करने का एक बड़ा जरिया बन चुका है। जिससे लोग अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं। यदि आप भी व्यवसाय करने में रूचि रख रहे है तो आज हम आपको बकरी पालन को लेकर एक खास कभर बताने जा रहे है।
बकरी पालन का व्यवसाय करके आप काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आजकल लोग बकरी पशुपालन के व्यवसाय को व्यापक रूप देकर काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं। वैसे ज्यादातर लोग पशुपालन उद्योग से ज्यादा पैसा कमाने के लिए गाय, भैंस, बकरी आदि को पालन करते हैं।
2 साल के लिए 100 बच्चे से शुरुआत
100 बच्चों के बैच में 50 बकरे और 50 बकरियां होनी चाहिए। 50 बकरों को बेचने के समय 50 बकरियां बच्चे पैदा करने की स्थिति में आ जाती है। 50 बकरों का बैच निकलने के बाद आपको नया बैच चलाने के लिए बच्चे खरीदने की जरुरत नहीं पड़ेगी। बकरे बेचने का सही समय होता है सर्दियाँ। इस सीजन में मीट काफी ज्यादा महंगा हो जाता है।
250 रूपए किलो में बच्चा
बकरी का बच्चा 250 रूपए से 300 रूपए किलो तक जिन्दा मिलता है। इसे पालने के बाद आप 600 रूपए किलो के हिसाब से बेच सकते हैं। ईद के मौके पर आपको यह मनचाही कीमत दे देगा। एक बकरे का वजन 80 किलो तक भी पहुँच जाता है। 40 से 50 हजार रूपए का बकरा अगर बिक जाता है तो 25 हजार की बचत दे जाता है। ऐसे में बैच में 20 लाख रूपए तक की आय कर सकते हैं।
सिरोही नस्ल की बकरी
बता दें कि यदि आप सिरोही नस्ल की बकरी को पालते है तो यह बकरी एक बार में 1 लीटर दूध देती है। बकरी की 37 नस्लें होती है जिसमें से सिरोहि नस्ल की बकरी ही ऐसी बकरी है जिसको पालने में खर्चा काफी कम आता है। इस बकरी का दूध स्वादिष्ट होने के सात स्वस्थवर्धक माना जाता हैछ इसलिए कोरोनाकाल में बकरी के दूध की डिमांड काफी रही है।
कहां पाई जाती है सिरोही नस्ल की बकरी
सिरोही नस्ल की बकरी का पालन ज्यादातर राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के राज्यों में सबसे ज्यादा देखा जाता हैं। ये बकरियां चारे खाने के अलावा खट्टा, मीठा और कड़वा चारा खाना पंसद करती है। इसके अलावा उनको फलों को भी थाना अच्छा लगता हैं।
कैसे करें सिरोही बकरी की पहचान
इस नस्ल की बकरियां आकार में कुछ छोटी होने के साथ भूरे रंग की होती हैं। इस प्रजाति की बकरी के कान कुछ लंबे होते हैं और इनके बाल आकार में छोटे व कुछ मोटे होते हैं, तो वहीं इनके सींग मुड़े हुए होते हैं। इस नस्ल की मादा बकरी की लंबाई 62cm और नर बकरे की लंबाई 80 सेमी तक होती है।