नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक का यह डिसीजन 1 जुलाई 2022 से लागू हो जाएगा। आरबीआई के नए नियमों के अनुसार ग्राहकों की अनुमति के बिना नया क्रेडिट कार्ड जारी करने या पुराने क्रेडिट कार्ड को अपग्रेड करने पर जारीकर्ता कंपनी व बैंक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि क्रेडिट कार्ड बंद होने की एप्लीकेशन के 7 दिन के अंदर यदि क्रेडिट कार्ड बंद नहीं किया गया तो बैंक और NBFC को ग्राहकों को प्रति दिन 500 रुपए के हिसाब से जुर्माना देना होगा। बशर्तें कार्डधारकों पर कोई बकाया राशि न हो। कार्ड जारी करने वाली कंपनियों या उनमें एजेंट के रूप में काम करने वाली तीसरे पक्ष की ओर से अब ग्राहकों को बकाया वसूली को लेकर डराने-धमकाने से रोक दिया गया है। ऐसा करने पर कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
मूलधन में ब्याज नहीं कर सकेंगे एडजस्ट
RBI ने लोन के मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट में ब्याज की बकाया राशि को एडजस्ट करने पर भी रोक लगा दी है। आरबीआई ने बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे बकाया चार्ज, लेवी व टैक्स को लोन के मूलधन में जोड़कर उस पर ब्याज नहीं लगाएं।
ये कंपनियां भी जारी कर सकेंगी कार्ड
रिजर्व बैंक ने बड़े बैंकों के साथ ही एनबीएफसी को भी क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति दे दी है, हालांकि इसके लिए उन्हें पहले मंजूरी लेनी होगी।
ये हैं क्रेडिट कार्ड से जुड़े नए नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि क्रेडिट कार्ड बंद करने के किसी भी अनुरोध को 7 कारोबारी दिन में पूरा किया जाना जरूरी होगा। कार्ड होल्डर की ओर से भी भुगतान किया जाना जरूरी कर दिया गया है।
कार्ड जारीकर्ता डाक से क्रेडिट कार्ड बंद करने का अनुरोध नहीं कर सकेंगे। कार्ड बंद होने की सूचना भी कार्ड होल्डर को देनी होगी।
बैंकों को क्रेडिट कार्ड बंद करने के लिए कई चैनल उपलब्ध कराने होंगे। इनमें हेल्पलाइन, ई-मेल, आईवीआर, वेबसाइट लिंक, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप को शामिल किया गया है।
यदि कार्ड का उपयोग एक वर्ष से अधिक समय से नहीं किया गया है तो बैंक कार्डधारक को सूचित करने के बाद ही क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने का प्रोसेस शुरू कर सकेंगे।
क्रेडिट कार्ड बंद होने के बाद अगर क्रेड़िट बैलेंस है तो उसे कार्ड होल्डर के बैंक खाते में ट्रांसफर करना होगा। बैंकों को 30 दिन के अंदर कार्ड बंद करने की जानकारी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी को देनी होगी।
ग्राहकों को मिलेगा मोटा मुआवजा
यदि बैंक ने बिना ग्राहक की मंजूरी के ही कोई नया क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड एक्टिवेट या अपग्रेड किया है और उसका बिल ग्राहकों को भेजा है तो बैंकों को लगाा गया चार्ज ग्राहकों को रिवर्स करना होगा। साथ ही पेनल्टी के रूप में लगाए गए चार्ज की दोगुना राशि भी ग्राहकों को लौटानी होगी। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो ग्राहक इसकी शिकायत आरबीआई लोकपाल को कर सकते हैं। ग्राहकों द्वारा की गई शिकायत सही पाए जाने की स्थिति में बैंक या एनबीएफसी को दोषी पाए जाने पर ग्राहकों को उनके समय की बर्बादी, प्रताड़ना और मानसिक पीड़ा के लिए भारी मुआवजा देना होगा। यदि बिना इजाजत जारी किए गए कार्ड का दुरुपयोग होता है तो इसकी जिम्मेदारी भी ग्राहकों की नहीं होगी बल्कि बैंक की होगी।