बकरी पालन एक लाभकारी और लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, जो आजकल व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है। अच्छी नस्ल की बकरियां, जैसे सिरोही और तोतापुरी, विशेष रूप से काफी अच्छी मानी जाती हैं। ये नस्लें न केवल हाई क्वालिटी का दूध देती हैं, बल्कि पैसों के लाभ के लिए भी परफेक्ट हैं।

सिरोही बकरी, जो मुख्य रूप से राजस्थान में पाई जाती है, दूध के साथ-साथ मांस के लिए भी उपयोगी होती है। यह नस्ल गर्मी और सूखा सहन करने में सक्षम होती है और इसके दूध की क्वालिटी भी बहुत अच्छी होती है।

इसी तरह, तोतापुरी बकरी, जो मुख्यतः दक्षिण भारत में पाई जाती है, भी दूध के उत्पादन में दक्ष होती है। इन दोनों तरह की खास नस्ल की बकरियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

सिरोही नस्ल की बकरी

इस समय सिरोही नस्ल की बकरी की डिमांड मार्केट में काफी बढ़ी हुई है। बता दें कि इस नस्ल की बकरी एक समय में 750 ग्राम से 1 लीटर तक दूध दे देती है। इस बकरी की 37 नस्लों में सिरोही नस्ल की बकरी ही ऐसी बकरी है जिसको पालने में आपको काफी कम खर्च आता है। इस समय में बकरी के दूध की डिमांड और पैसे काफी ज्यादा मिलते हैं।

इस बकरी के शरीर का रंग भूरा होता है और आकार में कुछ छोटी होती है। इसके शरीर पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं और कान कुछ लंबे होते हैं। इनके बाल छोटे तथा कुछ मोटे होते हैं। इनके सींग कुछ मुड़े हुए होते हैं।

कहां पायी जाती है सिरोही बकरी

इस नस्ल की बकरी राजस्थान, गुजरात तथा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मिलती हैं। अब इस नस्ल की बकरियां अन्य राज्यों में भी आसानी से मिल जाती हैं। ये बकरियां खट्टा, मीठा तथा कड़वा चारा आसानी से खा लेती हैं। इसके अलावा फलों को भी ये काफी चाव के साथ में खाती हैं।