राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज की सहायक आचार्य डॉ. कविता वर्मा की अनुपस्थिति में एमजीएच के उपस्थिति पंजिका में उनके हस्ताक्षर का मामला गरमा गया है। दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब एमजीएच के उप नियंत्रक कार्यालय ने इस संदर्भ में कॉलेज के प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षक को जांच के लिए पत्र लिखा।

घटना 28 मई 2024 की है, जब डॉ. कविता वर्मा का सुबह 11:14 बजे जयपुर में प्रसव हुआ। हालांकि, उसी दिन सुबह 7:55 बजे उनके हस्ताक्षर एमजीएच (महात्मा गांधी अस्पताल) की उपस्थिति पंजिका में दर्ज हैं। यह एक असंभव घटना है, क्योंकि जयपुर एमजीएच से लगभग 270 किलोमीटर दूर है, और इतनी जल्दी वहां पहुंचना मुमकिन नहीं है। डॉ. कविता वर्मा ने खुद इन हस्ताक्षरों से इंकार किया है और कहा है कि उन्होंने उस दिन हस्ताक्षर नहीं किए थे।

इसके अलावा 19 से 28 मई तक उपस्थिति पंजिका में उनके हस्ताक्षर अलग-अलग हैं। उप नियंत्रक कार्यालय ने इसका रिमार्क किया और कॉलेज प्रिंसिपल को 30 मई को पत्र क्रमांक- सामान्य/ मगाअ/ भील./2024/518 लिखा, लेकिन प्रिंसिपल ने 1 जून को उचित चैनल से शिकायत भेजने का कहकर पत्र लौटा दिया था।

इसके बाद अस्पताल अधीक्षक को पत्र क्रमांक-सामान्य / मगाअ/भील०/2024/522 दिनांक-3 जून को मामले की जांच कर कार्रवाई करने को लिखा था। इस मामले में उप नियंत्रक कार्यालय ने बताया कि अधीक्षक से इस संबंध में कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। तो वहीं अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने कहा कि सहायक आचार्य को छुट्टी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल प्रदान करते हैं।

10 दिनों के फर्जी साइन

उप नियंत्रक कार्यालय ने प्रिंसिपल व अस्पताल अधीक्षक को पत्र में लिख कर बताया कि कविता ने व्हाट्सएप पर प्रार्थना-पत्र भेजा था जिसमें उन्होंने 28 मई को बेटा होन के कारण मातृत्व अवकाश मांगा था। इस पत्र पर अंग्रेजी में हस्ताक्षर थे जबकि वह रजिस्टर में हिंदी में दस्तखत करती हैं। इसके बाद व्हाट्सएप पर शिशु रोग विभागाध्यक्ष के माध्यम से प्रार्थना-पत्र भेजा गया। इसमें 18 मई से 27 मई 2024 तक आकस्मिक अवकाश और दो डे-ऑफ स्वीकृत कराने के बारे में लिखा था।

तो वहीं उपस्थिति पंजिका में 18 मई का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया है। जिसमें 19 से 27 मई तक आगमन एवं प्रस्थान के हस्ताक्षर व 28 मई को आगमन के हस्ताक्षर किए गए हैं। विभागाध्यक्ष ने फोन पर उप नियंत्रक को इस बात की जानकारी दी कि वे 18 मई से अनुपस्थित हैं। ऐसे में रजिस्टर में इनके हस्ताक्षर किसने किए, ये एक बड़ा सवाल है।