बकरियां साल में दो बार बच्चे देती है। इनकी अच्छी नस्ल एक बार में 2 बच्चे भी देती है। अच्छा ख़ासा व्यवसाय आपको 6 माह में मालामाल कर देगा। वर्तमान समय में लोग पशुपालन के व्यवसाय की और तेजी से बढ़ते जा रहें हैं। हालांकि पहले के समय में किसान लोग ही पशुपालन करते थे लेकिन अब अन्य बहुत से लोग भी पशुपालन कर रहें हैं। असल में पशुपालन के व्यवसाय में अच्छी कमाई है।
यदि आप अच्छी नस्ल के पशुओं को पालते हैं तो आपको कमाई भी अच्छी ही होती है। अतः आज हम आपको पशुपालन के अंतर्गत आने वाले बकरी पालन के व्यवसाय को करने के लिए बकरी की अच्छी नस्लों के बारे में यहां जानकारी दे रहें हैं ताकी आप भी बकरी पालन कर अच्छा लाभ प्रपात कर सकें। आइये अब आपको इन विशेष नस्लों के बारे में बताते हैं।
गोहिलवाड़ी बकरी
इस नस्ल की बकरियां अधिकतर गुजरात के राजकोट, जूनागढ़, पोरबंदर, अमरेली और भावनगर जैसे स्थानों पर पाई जाती हैं। इस नस्ल की बकरियों का वजन 50 से 55 किग्रा तक होता है। इनके सींग मुड़े हुए तथा रंग काला होता है। ये काफी ज्यादा मात्रा में दूध देती हैं।
जखराना बकरी
जानकारी दे दें की राजस्थान के अलवर में जखराना नामांक एक गांव है। यहां पर इस नस्ल की बकरियां सबसे अधिक मात्रा में मिलती हैं। इसी कारण इन्हें जखराना बकरी कहा जाता है। इस नस्ल की बकरियां दूध तथा मीट दोनों ही अच्छी मात्रा में देती हैं। इस नस्ल की बकरी का वजन 55 से 58 किग्रा तक होता है। इस बकरी के कान तथा मुंह में सफ़ेद धब्बे होते हैं तथा इसका रंग काला होता है और यह सामान्य बकरी से कुछ लंबी होती है।
बार्बर बकरी
बार्बर नस्ल की बकरियां उत्तर प्रदेश से अधिक पाई जाती हैं। अरब देशों में इस नस्ल की बकरी की डिमांड काफी ज्यादा होती है क्योकि इसका मीट काफी स्वादिष्ट होता है। इन बकरियों का आकार मध्यम तथा रंग भूरा और सफ़ेद होता है। इनके कान ऊपर की और नुकीले तथा छोटे होते हैं। इनके सींग सामान्य आकार के पीछे की और मुड़े हुए होते हैं।