पंजाब के एक साधारण से किसान ने चारों तरफ ने पूरी ट्रेन को अपने नाम करके पूरे देश में सनसनी फैला दी थी,  इन साधारण से किसान का नाम सम्पूर्ण सिंह है, जिन्होंने रेलवे के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीतकर एक अनोखी उपलब्धि हासिल की थी।

साल 2007 में, लुधियाना-चंडीगढ़ रेलवे लाइन के निर्माण के लिए रेलवे ने कटाना गांव में उनकी जमीन का अधिग्रहण किया था। रेलवे ने उनको मुआवजे के रूप में शुरुआत में 25 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से भुगतान किया था।

लेकिन बाद में संपूर्ण को पता चला कि उसी परियोजना के लिए, रेलवे ने पड़ोसी गांव के किसानों को 71 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया था। अपने साथ हुए इस भेदभाव और अन्याय के कारण, उन्होंने न्याय की तलाश में अदालत का रुख किया।

अदालत ने रेलवे के खिलाफ किया फैसला

अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे को आदेश दिया कि वह संपूर्ण को उचित मुआवजा दे। इस आदेश के अनुपालन न करने पर, अदालत ने रेलवे की एक ट्रेन की नीलामी करने का आदेश दिया, जिसको सिंह ने खरीद लिया और वह एक ट्रेन के मालिक बन गए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सम्पूर्ण सिंह का ये मामला साल 2015 में अदालत में पहुंचा था, इस पर अदालत ने रेलवे के खिलाफ फैसला सुनाते हुए सिंह के पक्ष में निर्णय दिया था। अदालत ने रेलवे को निर्देश दिया कि वह सिंह को उनकी जमीन के लिए 1.47 करोड़ रुपये का मुआवजा दे।

नीलामी में खरीद ली पूरी ट्रेन

हालांकि, रेलवे ने केवल 42 लाख रुपये का भुगतान किया, जो अदालत के आदेश के मुताबिक निर्धारित राशि से काफी कम था। लगातार भुगतान में कमी और अदालत के आदेश का पालन न करने से निराश होकर सिंह ने अपनी कानूनी लड़ाई को एक अनोखा मोड़ दिया।

रेलवे की इस विफलता के कारण, सिंह ने अदालत से अपील की, जिसके परिणाम में अदालत ने रेलवे की संपत्ति पर नीलामी का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के तहत, सिंह ने रेलवे की एक ट्रेन को नीलाम करवा लिया, जिससे वह एक ट्रेन के मालिक बन गए।