आपको बता दें की कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने हालही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में छोटे नोटों की कमी पर काफी चिंता जताई है। कांग्रेस के नेता ने पत्र में कहा है की बाजार में छोटे नोटों की कमी आ गई है। जिसके कारण गरीब लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। टैगोर का कहना है की बाजार में 10, 20 तथा 50 रुपये के नोटों की काफी कमी हो चुकी है। इसी कारण ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के गरीब लोगों को काफी दिक्कते हो रहीं हैं।

गरीब लोगों को है परेशानी

बता दें की बीते शनिवार को टैगोर ने इस पत्र को लिखा था। पत्र में टैगोर ने कहा है की “रिपोर्ट्स से पता लगा है की UPI तथा कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए RBI ने छोटे मूल्य के नोटों को छापना ही बंद कर डाला है। लेकिन इससे अभी वे लोग काफी प्रभावित हो रहें हैं। जो डिजिटल पेमेंट का यूज नहीं करते हैं। ख़ास तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इससे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

होता है अधिकार का हनन

टैगोर ने आगे कहा है की सरकार के इस फैसले से मुद्रा प्राप्त करने के अधिकार का हनन होता है। बाजार में छोटे नोटों की कमी के कारण अब छोटे कारोबार भी प्रभावित होते चले जा रहें हैं। दिहाड़ी मजदूरी या पटरी रेहड़ी वाले अधिकतर लोग कैश पर ही निर्भर रहते हैं। टैगोर ने वित्त मंत्री से कहा है की सरकार को अब छोटे नोट छापने के लिए RBI को निर्देश देना चाहिए। इसके अलावा सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल पेमेंट स्ट्रक्चर पर भी ध्यान दें।

चार स्थानों पर प्रिंट होते हैं नोट

आपको जानकारी दे दें की भारतीय मुद्रा के लिए चार स्थानों पर ही नोटों को प्रिंट किया जाता है। नोटों की छपाई के लिए RBI के निर्देश पर डिपार्टमेंट ऑफ़ करेंसी कार्य करता है। यहां हम यह भी बता दें की करेंसी नोट प्रेस में दो का स्वामित्व भारत सरकार के पास होता है। इसके अलावा अन्य दो प्रेस का स्वामित्व RBI के पास में है। बता दें की भारत सरकार के स्वामित्व वाले प्रेस नासिक तथा देवास में हैं जब की RBI के स्वामित्व वाले प्रेस मैसूर तथा सालबोनी में मौजूद हैं।