नई दिल्ली।  एक समान्य सी नौकरी करने वाले कर्मचारी के पास जब अरबों की संपंत्ति देखने को मिल जाए, तो ये बात किसी को हजम नही हो पाती है। फिर इसमें कानून की नजर पड़ ही जाती है। ऐसा ही कुछ नजारा मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के साथ देखने को मिला। जिसके घर लोकायुक्त ने छापे मारकर काफी तादाद में सोने के साथ कैश का बड़ा भंडार पाया है, जिसके बाद से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ऐक्शन मोड़ में आ गई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। और पूछताछ जारी है।

सौरभ शर्मा के खिलाफ हुई छापेमारी में अब तक पुलिस के हत्थे करीब 300 किलो सोना-चांदी, 10 करोड़ से अधिक कैश की बरामद हुआ है। इसके अलावा एक ऐसी डायरी भी मिली है जिसमें हर साल होने वाले 100 करोड़ रुपए की हेराफेरी का लेखा जोखा लिखा हुआ है।

लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के इन सभी ठिकानों पर छापा मार कर करोड़ों की संपत्ति जब्त की है और उसके खिलाफ केस दर्ज की है। अब ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इस मामले की जांच करने जा रही है। मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसके दुबई में छिपे जाने की अशंका जती जा रही है। एक साल पहले ही कांस्टेबल की नौकरी से रिटायर होने वाले सौरभ शर्मा की अकूत संपत्ति को देखकर लोकायुक्त पुलिस, इनकम टैक्स और ईडी के अधिकारी तक  हैरान रह गए हैं।

सौरभ शर्मा के ठिकानों पर गुरुवार सुबह छापा मारा गया था। जिसके बाद उनके घर से हो रही बरामदगी का सिलसिला अभी तक जारी है। गुरुवार रात को भोपाल के एक सुनसान इलाके से पुलिस के एक लावारिस इनोवा कार मिली थी जो 52 किलो सोना और 9.86 कैश से लदी हुई थी। जिस कार से यह माल बरामद हुआ वो कार चेतन सिंह गौर के नाम से ही रजिस्टर्ड है। जो सौरभ का कारोबारी दोस्त बताया जा रहा है।