नई दिल्ली। जब से मार्केट में पाने नोटों का प्रचलन बंद हुआ है और पैसे को लेन देन के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू हुई है तब से 10,20,50 रूपए के करारे नोट मार्केट में दिखना बंद हो गए है। अब तो शामत यह भी आगई है कि किसी भी कार्यक्रम के दौरान शगुन में देने के लिए 10,20,50 रूपए के नोट जेब में ही नही होते है। क्योकि यह नए नोट अब सिमटकर रह गए हैं। अब बाजार में इन नोटों को लेकर परेशानी होने लगी है। जिसके लेकर अब आरबीआई (RBI) पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बैंक से ग्राहक लौट रहे खाली हाल
बैंक शाखाओं में यदि आप 10 व 20 रुपए के नए नोट लेने जाते हैं तो वहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। अब मार्केट में इन नोटों की काफी कमी आ रही है। 10 20 से लेकर 50 रूपए तक के नए नोटों की किल्लत (shortage of new notes) चलना शुरू हो गई रही है। जिसकी परेशानी से आम लोग जूझ रहे हैं।
Wrote a letter to Hon’ble Finance Minister @nsitharaman regarding the severe shortage of Rs. 10, 20, and 50 denomination notes, which is causing hardship in rural and urban poor communities. Urging for immediate intervention to resume 1/2 pic.twitter.com/NEYXsIOZ9d
— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) September 21, 2024
छोटे नोट न छापने का आरोप
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर (Manickam Tagore) ने 10, 20, 50 रुपये के नोट पर चिंता जताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा है कि 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नोट अब बाजार में कम ही दिखाई दे रहे हैं और इससे खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी गरीब समुदायों के लोगों को इससे काफी असुविधा और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
टैगोर ने पत्र में लिखा कि रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन नोटों की छपाई करना बंद कर दिया है, जिससे यूपीआई और कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिल सके। क्योकि सरकार डिजिटल लेने देन को बढ़ावा देने के लिए नए नियम लाहू भी कर रही है। जिससे छोटों नोटों की छपाई बंद होने से ग्रामीण और गरीब समुदायों के लोग प्रभावित हो रहे है।