नई दिल्ली: सामान्य तौर पर सभी बैंकों में ज्यादातर लोगों के सेविंग अकाउंट खोले जाते हैं। सेविंग अकाउंट, नाम से ही जाहिर होता है जहां अपनी बचत पूंजी जमा की जाती है। हिंदी में इसे बचत खाता भी कहते हैं। बैंकिंग रूल्स में बड़े बड़े बदलाव हो रहे हैं। नए नियम के तहत आपकी लेनदेन पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की पूरी पूरी नजर होती है। नए नियम के तहत बचत खाता में ट्रांजैक्शन की एक लिमिट होती है, उससे ज़्यादा के लेनदेन पर इनकम टैक्स से नोटिस आ सकता है।
लेनदेन की देनी होगी जानकारी
यदि आपका किसी बैंक में सेविंग अकाउंट है तो आप लगातार लेनदेन कर सकते हैं लेकिन एक फाइनेंशियल ईयर में आप 10 लाख से अधिक का लेन-देन नहीं कर सकते। यदि इस लिमिट को पार करते हैं तो आपको कारण बताना होगा बैंक भी ऐसे खातों की जानकारी इनकम टैक्स को प्रदान करती है।
दैनिक लेनदेन की होती है लिमिट
सेविंग अकाउंट की भी दैनिक लेनदेन की एक लिमिट होती है। जनकारों की मानें तो आयकर अधिनियम की धारा 269 ST के अनुसार सेविंग अकाउंट में एक दिन में 2 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। यदि किसी कारण वश लेनदेन इससे ज़्यादा का होता है तो इसके लिए बैंक को कारण बताना पड़ेगा।
IT डिपार्टमेंट को बैंक देती है जानकारी
आपको बता दें यदि सेविंग अकाउंट में एक दिन में 50000 से ज्यादा डिपॉजिट करते हैं तो पैन कार्ड देना अनिवार्य होता है। यदि किसी खाता धारक के पास पैन कार्ड नहीं है तो ऐसी स्थिति में उसे फॉर्म 60 या फॉर्म 61 सबमिट करना होता है। इसके अलावा यदि साल में 10 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन होता है, ऐसे खातों के बारे में बैंक खुद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जानकारी भेजती है।