समय के साथ किसानों ने खेती के नए और उन्नत तरीकों को अपनाकर अपनी आय में बढ़ोतरी की है। पारंपरिक खेती के बजाय अब किसान सब्जियों की खेती पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे उनकी कमाई में इजाफा हो रहा है।

पहले की फसलों से किसानों को हमेशा मनचाहा लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन सब्जी की खेती, खासकर खीरा और करेला जैसी फसलों की खेती से किसानों को बेहतर मुनाफा मिल रहा है। बाजार में इनकी बढ़ती मांग के कारण यह खेती एक लाभकारी व्यवसाय बन गई है।

करेले की खेती से कमा रहे 4 लाख रुपए

अररिया जिले के रामपुर गांव के किसान मोहम्मद अनवारूल हक ने करेले की खेती में सफलता हासिल की है। उन्होंने 2 एकड़ जमीन पर करेले की खेती से 4 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई की। कम बारिश के बावजूद उनका उत्पादन अच्छा रहा, और उनका मानना है कि अगर मौसम अनुकूल होता, तो मुनाफा और भी ज्यादा होता।
पिछले पांच सालों से वे सब्जियों की खेती कर रहे हैं और हर साल बेहतर लाभ कमा रहे हैं। उनकी मेहनत और स्मार्ट खेती की तकनीक से दूसरे किसान भी प्रेरणा ले सकते हैं।

करेले की खेती के लिए सही समय

अररिया की जलवायु करेले की खेती के लिए काफी अनुकूल है। एक बार फसल लगाने के बाद इसका उत्पादन करीब 6 महीने तक जारी रहता है। हक ने मार्च-अप्रैल में बुवाई की थी, और अब तक इसका उत्पादन नियमित रूप से हो रहा है। उनका कहना है कि फरवरी-मार्च और जून-अक्टूबर के बीच का समय करेले की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होता है, जिसमें किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

करेले की खेती की लागत

करेले की खेती में लागत कम होती है, और एक बीघा जमीन पर लगभग 30 हजार रुपए की लागत आती है। इसके बाद जब फसल तैयार हो जाती है, तो इसे आसानी से बाजार में बेच दिया जाता है। अगर बाजार में अच्छा दाम मिल जाए, तो किसान प्रति बीघा 2 से 2.5 लाख रुपए तक कमा सकते हैं, जिससे यह खेती एक बेहतर आर्थिक विकल्प साबित होती है।