रबी सीजन की बुवाई जल्द शुरू होने वाली है और किसानों को डीएपी और यूरिया उर्वरक की आपूर्ति में किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए कृषि विभाग ने खास कदम उठाए हैं। विभाग ने घोषणा की है कि इस बार डीएपी और यूरिया का वितरण परमिट सिस्टम के तहत किया जाएगा।

यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि जिले में सरसों, चना, धनिया, मसूर और गेंहू की बुवाई के दौरान उर्वरकों की मांग आपूर्ति से अधिक हो रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने सभी थोक और खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में जिले के बाहर डीएपी और यूरिया का वितरण नहीं किया जाएगा।

कितना मिलेगा किसानों को यूरिया

प्रत्येक किसान को अधिकतम 10 बैग तक डीएपी और यूरिया दिया जाएगा, और आवश्यकता पड़ने पर उपलब्धता के अनुसार कम भी दिया जा सकता है। किसानों से उर्वरक खरीदने के लिए आधार कार्ड और किसान होने के दस्तावेज जैसे जमाबंदी या बैंक पासबुक की छाया प्रति ली जाएगी।

उर्वरक विक्रेताओं को दिया गया निर्देश

इसके साथ ही, उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि बिक्री के बाद किसान को तुरंत बिल दिया जाए, जिसमें किसान का नाम, पता, मोबाइल नंबर, उर्वरक का नाम और बैच नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज हो। इस प्रक्रिया से वितरण का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा।

कालाबाजारी रोकने का लिया फैसला

डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग ने बॉर्डर क्षेत्रों पर चेक पोस्ट स्थापित करने का फैसला किया है, जिससे उर्वरक जिले और राज्य से बाहर न जा सके। इसके अलावा, उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस मशीन में रोजाना के स्टॉक की जानकारी अपडेट करनी होगी। अगर कोई विक्रेता निर्देशों का पालन नहीं करता है या जिले के बाहर उर्वरक बेचता है, तो उसका लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है।