आपको जानकर हैरानी होगी की कभी ढाई रुपये का नोट भी चलन में था। बता दें की यह नोट अंग्रेजों के समय में चलता था। इसके अलावा नवाब गाजीउद्दीन हैदर के समय का भी आज सवा लाख रुपये का है। यह लगभग 200 साल पुराना सिक्का है। इसी प्रकार की दुर्लभ मुद्राएं वर्तमान में लखनऊ के निराला नगर में देखने को मिल रहीं हैं। जानकारी दे दें की इस स्थान पर वर्तमान में तीन दिवसीय अवध मुद्रा मेला लगा हुआ है।

इसी कारण यहां पर देशभर से इस प्रकार के लोग इकठ्ठा हुए हैं। जिनके पास काफी दुर्लभ स्तर की मुद्राएं हैं। इस मेले का आयोजन अवध मुद्रा परिषद की और से निराला नगर के एक होटल में कराया जा रहा है। यहां पर देशभर से न सिर्फ विभिन्न मुद्राओं के संग्रहकर्ता आएं हुए हैं बल्कि दुर्लभ मुद्राओं को देखने वालों की भी काफी भीड़ यहां जमा है। बता दें की इस मेले में देशभर के 400 मुद्रा संग्रहकर्ताओं ने हिस्सा लिया है।

प्रदर्शित की दुर्लभ स्तर की मुद्राएं

इस मेले में दिल्ली से आये गोगा जैन ने बताया की उनके पास में विजय नगर एम्पायर की मुदायें हैं। इसके अलावा इनके पास में ढाई रुपये का एक नोट भी है। जो की 1911 से 1936 के बीच चलन में था। आज के समय में इस नोट का मूल्य लगभग तीन लाख रुपये है। इसी मेले में लखनऊ के गोमती नगर के मो. सुल्तान ने भी हिस्सा लिया है। उन्होंने बताया की उनके पास में नवाब गाजीउद्दीन हैदर के समय का करीब 200 साल पुराना सिक्का है।

इसकी कीमत करीब सवा लाख रुपये है। इसके अलावा इस मेले में आप गुप्त तथा कुषाण काल के समय के सिक्कों को भी देख सकते हैं। इसी मेले में नागपुर के पीयूष अग्रवाल ने भी शिरकत की है। इनके पास में अलेक्जेंडर के समय का सिक्का है। इसके अलावा इनके पास में पाकिस्तान के राष्ट्रीय बैंक के नमूने भी हैं। इनमें 6 नोट हैं, जिनकी कीमत 15 हजार रुपये है।

पुराने संग्रहकर्ता भी हुए मेले में शामिल

आपको बता दें की इस मेले में दुर्लभ सिक्कों तथा नोटों के पुराने संग्रहकर्ता भी शामिल हुए हैं। जो अपने संग्रह से काफी पुराने नोटों तथा सिक्कों का प्रदर्शन कर रहें हैं। देहरादून से इस मेले में आये अनुज सक्सेना का कहना है की वे लगभग 20 सालों से दुर्लभ सिक्कों का संग्रह कर रहें हैं। उनका कहना है की दुनिया में पहली बार कलेक्टरों के लिए सोने के नोट बने थे।

उस समय के 30 नोटों का एक बंडल मेरे पास है। जिसकी कीमत 1 लाख रुपये है। यह 24 कैरेट सोने के नोट हैं, जो की आज के समय में दुर्लभ हैं। चौक के शशि कपूर भी इस मेले में आये हैं। इनका कहना है की यह उनकी चौथी पीढ़ी है, जो संग्रहकर्ता के रूप में कार्य कर रही है। इनके पास में 15 हजार की जरी की चोली है। इसके अलावा नवाब के समय का पर्स तथा बेल्ट है। जिसकी कीमत 60 हजार रुपये है।