1 अक्टूबर से टेलीकॉम सेवाओं में नए नियम लागू होने जा रहे हैं, जिससे ग्राहकों को सेवा की गुणवत्ता और उपलब्धता के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी। अब टेलीकॉम कंपनियों की वेबसाइटों पर यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि किस इलाके में कौन-सी सेवा (2जी, 3जी, 4जी या 5जी) उपलब्ध है।

यह बदलाव भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा लागू किए गए नए सेवा गुणवत्ता नियमों का हिस्सा है। अभी तक ग्राहक इस बात से अनजान रहते थे कि किस क्षेत्र में टेलीकॉम कंपनियां कौन-सी सेवाएं दे रही हैं। उदाहरण के तौर पर, एक ही कंपनी किसी बड़े शहर में 5जी सेवा प्रदान कर सकती है जबकि छोटे शहर में सिर्फ 2जी सेवा दे सकती है।

टेलीकॉम कंपनियों बताएंगी अपनी सेवाएं

नए नियमों के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को अब अनिवार्य रूप से अपनी वेबसाइट पर सेवा गुणवत्ता से जुड़े मानकों की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी, ताकि उपभोक्ता सही निर्णय ले सकें। इसके अलावा, मोबाइल नेटवर्क के प्रदर्शन की निगरानी की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है।

तिमाही जानकारी होगी मासिक

अभी तक तिमाही आधार पर की जाने वाली यह निगरानी अब अगले साल अप्रैल से मासिक आधार पर की जाएगी। इसके लिए ट्राई कॉल ड्रॉप, वॉइस ड्रॉप, और नेटवर्क उपलब्धता जैसे डेटा को एकत्र करेगा, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवा मिल सके।

ट्राई ने की थी अपग्रेड करने की मांग

ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से अपनी ऑनलाइन प्रणाली को अपग्रेड करने की मांग की है ताकि सेवा की गुणवत्ता की निगरानी और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके। यह एकीकृत नियामक, जो पुराने नियामकों (सेलुलर मोबाइल टेलीफोन सेवा 2009, वायरलेस डेटा गुणवत्ता सेवा 2012 और ब्रॉडबैंड सेवा 2006) को बदल रहा है, 1 अक्टूबर से लागू होगा।

ट्राई ने दिया आदेश

इसके साथ ही, ट्राई ने टेलीमार्केटिंग कॉल्स पर भी सख्ती बरतते हुए 30 सितंबर तक सभी 140 सीरीज से शुरू होने वाले टेलीमार्केटिंग कॉल्स को डिजिटल लेजर प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट करने का आदेश दिया है, जिससे इन कॉल्स की निगरानी में आसानी हो सके। नए नियमों के तहत केवल सुरक्षित यूआरएल और ओटीटी लिंक वाले संदेश ही भेजे जा सकेंगे।