घटना राजस्थान से सामने आयी है। यहां पर समान पात्रता परीक्षा अर्थात CET में एक कैंडिडेट की जनेऊ उतरवाने का मामला सामने आया है। घटना के सामने आने के बाद में ब्राह्मण समाज के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग अध्यक्ष आलोज राज का कहना है की

“मुझे शाम को मीडिया से पता लगा है की CET के परीक्षा केंद्र पर कल किसी कैंडिडेट की जनेऊ उतरवाने का प्रकरण सामने आया था। जनेऊ को चेक करना सही है लेकिन उतरवाना गलत है। लेकिन मुझे नहीं लगता है की यह उन टीचर ने किसी दुर्भावना से किया होगा। शायद उन्होंने चेकिंग के नियमों को मिस कर अपनी समझ से ड्यूटी का पालन किया है। उम्मीद है इस प्रकरण को अन्यथा नहीं लिया जाएगा।”

कैंडिडेट ने कहा

कैंडिडेट ने कहा है की जयपुर में पहले हाथ का कलावा काटा गया। इसके बाद में पुलिस कांस्टेबल ने जनेऊ पर आपत्ति जताई। जब इन चीजों का विरोध किया गया तो परीक्षा केंद्र अधीक्षक के पास में ले जाया गया। यहां पर अपनी बात रखी की जनेऊ को ये लोग नहीं उतार सकते हैं। इससे पहले भी जिस किसी परीक्षा में हिस्सा लिया, वहां भी जनेऊ को लेकर किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई न ही बोर्ड ने इस प्रकार के कोई आदेश नहीं दिए थे। इस पर जब केंद्र अधीक्षक ने इन्हें परीक्षा नहीं दे पाने की बात कही तो इन्हें मजबूरन जनेऊ निकालना पड़ा।

जिला कलेक्टर से की शिकायत

आपको बताया दें की कैंडिडेट बांसवाड़ा का निवासी है। इसका नाम हरेन दवे है। कैंडिडेट ने जिला कलेक्टर से इस मामले को लेकर शिकायत की है। अपनी शिकायत में हरेन ने कहा है की वह बीती 27 सितंबर को टोंक फाटक के पास स्थित महात्मा गांधी स्कूल में CET परीक्षा देने के लिए गया था। परीक्षा में वह अपने यूनिफॉर्म कोड में ही गया था।

बता दें की राज्य सरकार ने 27 तथा 28 सितंबर को समान पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा में लॉटरी के जरिये यह तय किया गया था की कौन सी पाली में कौन सा पेपर आएगा। इस परीक्षा में किसी प्रकार की धांधली मामला सामने नहीं आया है। परीक्षा से पहले कहीं कैंडिडेट के हाथ में बंधे मन्नत के डोरे खुलवाएं गए। लेकिन एक कैंडिडेट का जनेऊ उतरवाने का मामला भी इस परीक्षा आया। जिसके बाद में विप्र फाउंडेशन ने इस घटना को लेकर आपत्ति जताई है।