अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ का महाधिवेशन हाल ही में अविकानगर डिग्गी टोंक में संपन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने की। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने भी भाग लिया।
जल संसाधन मंत्री चौधरी ने कहा कि इस महाधिवेशन में सभी कर्मचारी संगठनों की भागीदारी ने महासंघ की एकता और संप्रभुता को दर्शाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य करते हैं और उनकी आवाज उठाना संगठन की एकता का प्रतीक है। मंत्री ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, “मैं आपके हितों का वकील हूं और सरकार से आपकी मांगों के लिए पैरवी करूंगा।”
नवीन पेंशन योजना के खिलाफ आवाज उठाई
दो दिवसीय महाधिवेशन में कर्मचारियों ने यूपीएस (नवीन पेंशन योजना) के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई। महासंघ के अध्यक्ष महावीर शर्मा और सुभाष लांबा ने इस महाधिवेशन को महासंघ की शक्ति का प्रदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में जिला और संभाग स्तर पर सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
महासंघ मे उठाए सवाल
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह नकली और कागजी संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित कर वास्तविक संगठनों में फूट डालने का प्रयास कर रही है। महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और कहा कि केंद्र सरकार ने यूपीएस स्कीम को लागू करने का इरादा जताया है।
पुरानी पेशंन योजना को लागू करने के लिए अपील की
भरतपुर के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस के समान यूपीएस स्कीम को कर्मचारियों पर थोपना चाहती है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पुरानी पेंशन योजना को तुरंत लागू किया जाए। महासंघ के मीडिया प्रभारी प्रेम मंगल ने सरकार से मांग की कि पीएफआरडीए बिल को निरस्त किया जाए और कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।
उन्होंने आठवें वेतन आयोग के गठन और पूर्व समझौतों को लागू करने की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई। इस मौके पर महासंघ के महामंत्री बृजमोहन शर्मा और अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार साझा किए, जो इस महाधिवेशन की सफलता को दर्शाते हैं।