नई दिल्ली। हमारा देश धार्मिक रीति-रिवाजों से जुड़ा हुए देश माना जाता है जहां कंकड को भी भगवान की तरह पूजा जाता है। इस धरती में की तरह की फसलें पैदा होती है। लेकिन उनमें से एक फसल ऐसी है जिसके फल का उपयोग लोग खाने के साथ साथ पूजा पाठ में काफी करते है। जिसके चलते इसकी डिमांड पूरे साल रहती है। आज हम बात कर रहे कद्दू या कुम्हड़ा की जो एक महत्वपूर्ण फसल है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में उगाया जाता है। इस फल का उपयोग सब्जी बनाने के साथ-साथ मिठाई और अन्य पारंपरिक व्यंजनों को बनाने में भी किया जाता है। आइए आज जानते है कुम्हड़ा की खास उपयोगिता के बारे में..

कद्दू के लड्डू और अन्य व्यंजन

ये बात बहुत ही कम लोग जानते होगें की सब्जी के उपयोग में आने वाले कद्दू से आप लड्डू भी बना सकते हैं। इसके लिए आपको इसे काटकर इसका गूदा निकालकर लिया  जाता है। फिर इसे किसकर, इसमें ड्राई फ्रूट्स और शक्कर मिलाकर स्वादिष्ट लड्डू बना लेते है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस लड्डू को विशेष अवसरों पर बनाया जाता है।

कद्दू काटने की परंपरा

भारतीय संस्कृति में कद्दू को पुत्र का प्रतीक भी माना गया है, इसलिए महिलाओं को इसे कद्दू काटने की इजाजत नहीं होती है। इसे काटने के लिए पहले पुरुष का हाथ लगना जरूरी होता है। कुम्हड़ा का उल्लेख स्कन्द पुराण और रामचरितमानस में भी देखने को मिलता है, जो सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।