नई दिल्ली। अक्सर आपने साधू संतो को पूजा पाठ के दौरान उल्टे चलते देखा होगा। उल्टी चलना उनकी रोज की प्रक्रियाओं में सामिल है। लेकिन इस बात को बहुत कम लोग ही जानते होगें। कि इसके पीछे के कई कारण भी है। ऐसा चलने से ना केवल साधू संतो का परिक्रमा पूरी होती है बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
सुबह के समय आमतौर पर लोग फिट रहने के लिए वॉकिंग रनिंग दोनो करते है। लेकिन यगी आप सीधे चलने के बजाय उल्टा चलते है तो इसका असर आपको रोज सीधे चलने से ज्यादा मिलता है। रोज कुछ देर के लिए उलटा चलने से शरीर को अनगिनत फायदे पहुंचते है।
उल्टा चलने से शरीर की मसल्स को मजबूत होन के साथ शरीर में ऊर्जा बना रहती है, दिमाग तेज बनाता है।
शोध बताते हैं कि उलटा चलने से बैलेंस, फोकस और फिटनेस में सुधार होता है. आइए जानते हैं इससे मिलने वाले फायदों के बारे में..
उलटा चलने से आपके पैरों के मसल्स पर पर दबाब पड़ता है, जिससे जांघों, घुटनों और पिंडलियों को मजबूती मिलती है.
उलटा चलने से पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डियों पर तनाव कम होता है।पीठ के दर्द की समस्या से राहत मिलती है।
जो लोग कमर दर्द, घुटनों दर्द या गठिया जैसी बीमारियो से जूझ रहे हैं, उनके लिए उलटा चलना किसी असरदार औषिधि से कम नहीं है. यह घुटनों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है और जोड़ों को लचीला बनाता है।
उलटा चलने से आपके दिमाग को भी मजबूती प्रदान करता है।. यह ब्रेन-कोऑर्डिनेशन और बैलेंस को बेहतर बनाता है. उलटा चलने से याददाश्त और फोकस में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है।