Makar Sankranti Puja: हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने का विशेष महत्व भी है। सूर्य 14 तारीख को धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं। जिसके बाद से दक्षिणायन को छोड़ उत्तरायण की शुरूआत हो जाएगी। इस त्यौहार को पूरा देश अलग अलग नामों के साथ मनाता है। मकर संक्रांति में नई फसल के स्वागत पर लोग सूर्य देव की पूजा करके उन्हें धन्यवाद देते हैं, और अच्छी फसल होने का आर्शीवाद मांगते हैं। इस पर्व पर सूर्य देव की पूजा की जाती है।

प्राचीन काल से चली आ रही मान्यता को आज भी लोग अमल कर रहे है। इस दिन लोग सुबह उठकर किसी भी पवित्र नदी में जाकर स्नान करके सूर्य देव को अर्ध्य देते है। इस दिन सुबह स्नान और दान करने से हमारे पापों का नाश होता है। इसले हो सके तो मकर संक्रांति के दिन किसी भी गरीबों को खिचड़ी का दान अवश्य करें। इसके साथ ही इस दिन तिल के लड्डू को खाना भी अच्छा होता है।  माना जाता है कि तिल के समान ही एक एक दिन करके दिन का बढ़ना शुरू हो जाता है।

पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति की शुरूआत माघ महीने की प्रतिपदा तिथि 14 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और 15 जनवरी दिन बुधवार को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। 14 जनवरी को सूर्य देव अपने स्थान से धनु राशि से निकलकर मकर राशि में सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर प्रवेश करेंगे. तभी शाही स्नान करना शुभ माना जाता है। जो पुण्य काल शुरू होगा।

मकर संक्रांति के दिन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और महापुण्य काल सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट रहेगा। इन दोनों मुहूर्तों में स्नान, दान और पूजा करना आपके लिएफलदाई साबित होगा।

मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा

मकर संक्रांति के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

इसके बाद सूर्य देव को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें।

सूर्य देव के विभिन्न मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें। और उन्हें फल, मिठाईयों का लगाएं

अंत में सूर्य देव की आरती करें।

इस दिन आप गरीबों को खिचड़ी और तिल का दान करें। और साथ ही में तिल के लड्डू अवश्य खाएं।