शारदीय नवरात्र का समय भारतीय संस्कृति में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह नौ दिवसीय त्योहार न केवल देवी दुर्गा की भक्ति और उपासना के लिए समर्पित है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस दौरान लोग अपने घरों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में कल्याण और सफलता की प्राप्ति करते हैं। इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र में भी शारदीय नवरात्र को विशेष महत्व दिया गया है।
इस समय कुछ खास उपाय करने से व्यक्ति को जीवन के कठिनाईयों से मुक्ति मिल सकती है और समस्याओं का हल जल्द ही मिल जाता है।
शनि दोष से मुक्ति का उपाय
शनि दोष, ढैय्या या साढ़ेसाती जैसे शनि के प्रभाव को कम करने के लिए नवरात्र का समय सबसे उत्तम माना जाता है। जो लोग शनि के नकारात्मक प्रभाव से परेशान हैं, उनके लिए ज्योतिष शास्त्र एक विशेष उपाय सुझाता है। नवरात्र के दौरान किसी पवित्र नदी में जाकर एक नारियल (श्रीफल) लेकर ‘ॐ रामदूताय नम:’ का जाप करते हुए उसे प्रवाहित करना चाहिए। यह उपाय शनिदेव के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति और स्थिरता आती है। शनि देव को प्रसन्न करना इस समय आसान हो जाता है, और व्यक्ति को कठिन समय से राहत मिलती है।
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने का उपाय
अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ गया है और यह आपके जीवन में अशांति फैला रहा है, तो नवरात्र के दौरान इसका उपाय भी संभव है। एक लाल कपड़े में नारियल बांधकर भगवान गणेश को अर्पित करें और फिर इस नारियल को अपने घर के मुख्य द्वार पर लटका दें। इस उपाय से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। यह न केवल घर में शांति लाता है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच भी समरसता बनाए रखता है।
परिश्रम का उचित फल प्राप्त करने का उपाय
कई बार ऐसा होता है कि कड़ी मेहनत करने के बावजूद हमें उसका फल नहीं मिलता। नवरात्र का समय इस समस्या का समाधान भी लेकर आता है। इस समय भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही एक पीले कपड़े में नारियल लपेटकर उन्हें अर्पित करें। इस उपाय से आपको आपकी मेहनत का फल जल्द प्राप्त होगा। श्रीहरि विष्णु और लक्ष्मी की पूजा से जीवन में धन और समृद्धि आती है, और आपकी परिश्रम का परिणाम शीघ्र मिलने लगता है।