नई दिल्ली। हजारों वर्षों से चली आ रही ऑर्गेनिक खेती का रूप बदलने से लोग तेजी से मौत की ओर जा रहे है। एक समय ऐसा था जब किसान जैविक खेती करते थे तो लोग स्वस्थ रहने के साथ मजबूत होते थे बीमारियां उनसे कोसो दूर रहती थी। भले ही इसमें मेहनत ज्यादा और उपज आज की खेती के हिसाब से कम होती है। लेकिन इससे इंसान स्वस्थ रहने का साथ पर्यावरण भी अनुकूल बना रहता है।

आज के समय में लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तेजी से रासायनिक उर्वरक, केमिकल्स, कीटनाशक के साथ अन्य जहरीले पदार्थों का उपयोग कर रहे है जो कैंसर जैसी घातक बीमारी को न्यौता दे रहा है। इसके साथ ही पर्यावरण को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। इन सभी कारणों को देखते हुए अब किसान एक बार फिर से जैविक खेती की ओर बढ़ रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसानों को कैमिकल और पेस्टिसाइड का कम इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे है। लेकिन किसानों को ऑर्गेनिक खेती की पूरी जानकारी न होने के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज हम जैविक खेती के फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

Organic Farming के फायदे

जैविक खेती करने से भूमि, जल और वायु प्रदूषण साफ और स्वस्थ बनता है। जैविक खेती में किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थों, कीटनाशकों और केमिकल फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इससे पौष्टिक और जहर मुक्त खाद्य उत्पन्न होता है, जो स्वाद भी बेहतर होता है।

जैविक खेती करने से मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है पानी की बचत भी होती है। किसानों को महंगे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर इतना खर्चा नही उठाना पड़ता है। घर पर पाले गए जानवर से ही उन्हें भऱपूर खाद मिल जाती है।

जैविक खेती पर्यावरण के अनुकूल होती है और Reduce, Reuse और Recycle को बढ़ावा देती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं, जो किसानों और मजदूरों की आर्थिक हालात में सुधार करता है।

Organic Farming के नुकसान

जैविक खेती के लिए किसानों को पूरा ज्ञान होना जरूरी है। इसे यदि पारंपरिक खेती की दृष्टि से देखें, तो जैविक खेती में मेहनत ज्यादा और उपज कम होती है। जैविक खेती में, मानवीय श्रम लगता हैं, जबकि पारंपरिक खेती आधुनिक मशीनों से जल्द हो जाती हैं।