ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचनाकार माना जाता है, जिन्होंने इस संसार की उत्पत्ति की है। इसके बावजूद भी भारत में उनकी पूजा केवल एक ही मंदिर में की जाती है, जो कि राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। इस मंदिर को ब्रह्मा जी का इकलौता निवास स्थान माना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी एक बेहद रोचक और पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि देवी सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया था, जिसके कारण कलियुग में उनकी उपासना नहीं होती है।

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी ने पुष्कर में एक यज्ञ का आयोजन किया था। यज्ञ की पूर्णता के लिए उनकी पत्नी सावित्री का वहां होना आवश्यक था, लेकिन वह समय पर नहीं पहुंच पाईं। ऐसी स्थिति में, यज्ञ को विधिवत संपन्न करने के लिए ब्रह्मा जी ने गायत्री नामक एक दूसरी स्त्री से विवाह कर लिया और इसके बाद यज्ञ को पूरा किया।

यज्ञ संपन्न होने के बाद जब सावित्री वहां पहुंचीं और उन्होंने यह देखा, तो वह अत्यंत क्रोधित हो गईं और उन्होंने अपने पति ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया कि कलियुग में उनकी पूजा नहीं की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पुष्कर के अलावा और कहीं भी ब्रह्मा जी का मंदिर नहीं होगा।

पुष्कर में स्थापित है ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर

ब्रह्मा जी को दिए गए इस श्राप के कारण ही आज पूरे देश में केवल पुष्कर में ही उनका मंदिर स्थित है, और यह मंदिर सृष्टि के रचनाकार का एकमात्र पूजा स्थल माना जाता है। इस मंदिर का काफी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं।

पुष्कर का यह ब्रह्मा मंदिर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके निर्माण और वास्तुकला की दृष्टि से भी यह मंदिर अद्वितीय है। यहां आने वाले भक्त इस मंदिर की पवित्रता और वातावरण में ब्रह्मा जी की दिव्य उपस्थिति को महसूस करते हैं।