नई दिल्ली: नवरात्रि के अवसर पर पूरा देश भक्ति भाव से विभोर हो जाता है। नवरात्रि के समय लोग व्रत उपवास के साथ-साथ सात्विक जीवन जीने की कोशिश करते हैं। नवरात्रि में लगातार 9 दिन तक सड़क व्रत उपवास भी करते हैं। इस अवसर पर लोग अलग-अलग साधनाएं भी करते हैं। ऐसा ही साधना का दृश्य देखने को मिल रहा है मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित महेश्वर विकासखंड के करौंदिया गाँव में।
करौंदिया गांव में एक भव्य मंदिर निर्माणाधीन है। मंदिर के निर्माण में लगभग चार करोड़ की लागत आने वाली है। यहां का माहौल ऐसा है जहां एक बार पहुंचने पर लोग भक्ति भाव में लीन हो जाते हैं। इसी स्थान पर 50 वर्षीय गुजराती बाबा भूमि समाधि लेकर देवी के अखंड उपासना में लीन हैं। गुजराती बाबा ने यहां नवरात्रि पर 9 दिन के लिए अखंड समाधि ले रखी है।
यहां का पूरा गांव और मंदिर परिसर बाबा की समाधि लेने से भक्ति भाव में ली है। गुजराती बाबा 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक समाधि में लीन रहेंगे बाबा का केवल चेहरा जमीन से ऊपर है बाकि पूरा शरीर मिट्टी से दबा हुआ है और चेहरे के आसपास गेहूं के जवारे बोए गए हैं। बाबा की समाधि को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।
गुजराती बाबा के बारे में आपको बता दें ये गुजरात के रहने वाले है और इनका नाम जगदीश आनंद गुरु कल्याणदास महाराज है। गुजराती बाबा विगत 33 वर्षों से देवी साधना में लीन हैं। गुजराती बाबा साल में आने वाली दोनों नवरात्रि, चैत्र और शारदीय नवरात्रि में इसी तरह से समाधि लेकर देवी आराधना करते हैं। गुजराती बाबा ने हिमालय से शुरुआत करके पंजाब, गुजरात, यूपी, एमपी सहित अब तक 25 से 28 समाधि ले चुके हैं।
बाबा की दिलचस्प है दास्तान
गुजराती बाबा के जीवन की कहानी भी काफी दिलचस्प है। इनका जन्म गुजरात में हुआ इसी लिए लोग इन्हें गुजराती बाबा के नाम से बुलाते हैं। ऐसा नहीं है कि गुजराती बाबा बचपन से साधु रहे हैं उनकी जिंदगी काफी संपन्न रही है जानकार बताते हैं कि उनके पास मुंबई में दो बड़े मॉल थे। लेकिन देवी माता की आराधना में ये ऐसे लीन हुए कि इन्होंने धन दौलत सब कुछ त्याग कर सड़ना के लिए हिमालय की शरण ली। और बादमें साधु बन कर वे देशभर में यात्रा कर सनातन धर्म की स्थापना और व्यसन मुक्ति अभियान चलाने लगे।