नई दिल्ली। Lunar Space Station: अब हमारे चंदा मामा हमसे दूर नही है। क्योकि इस चांद पर इसान ने जाकर इसकी धरती को छू चुका है। और वहां जाकर चांद के कई रहस्यों को वैज्ञानिकों जान चुके हैं। भारत ने भी इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर पहले ही झंडा गाड़ दिया है। अब दुनिया के अन्य देश भी इस जगह पर पंहुचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।इस होड़ में चीन भी अपना ऐसा प्लान तैयार कर रहा है जिसे जानने के बाद दूसरे देश की स्पेस एजेंसी के होश उड़ जाएंगे।
चीन जल्द ही चांद पर अपना ‘बेस’ यानी कि चंद्रमा पर अंतरिक्ष स्टेशन (Lunar Space Station) बनाने की तैयारी कर रहा है। जबकि, स्पेस में वो अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बना चुका है।
2035 तक बना लेगा स्पेस स्टेशन
चाइना एकेडमी ऑफ साइंसेज के उपाध्यक्ष डिंग चिबियाओ के अनुसार, चीन द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन का निर्माण 2028 से 2035 तक दूसरे चरण में पूरा होगा। पहले चरण में, चीन 2027 तक अंतरिक्ष स्टेशन संचालन, मानवयुक्त चंद्र अन्वेषण परियोजना को लागू करने, अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के चौथे चरण और ग्रह अन्वेषण परियोजना पर ध्यान केंद्रित करेगा।
चांद की मिट्टी ला चुका है चीन
अभी हाल ही में चीन के वैज्ञानिकों ने चांद के अंधेरे हिस्से से मिट्टी लाकर एक बड़ी सफलता हासिल की थी। जिसमें चीन का चैंग’ई-6 मिशन 53 दिन बाद चांद से मिट्टी लेकर धरती पर लौटा था। ऐसा करने वाला चीन दुनिया का पहला देश था।
खुद का स्पेस स्टेशन
चीन दुनिया का पहला ऐसा इकलौता देश है, जो हर छह महीनों में यात्रियों को अंतरिक्ष भेजता रहता है। इसका अंतरिक्ष में खुद का स्पेस स्टेशन है। इस स्पेस स्टेशन का नाम तियांगोंग है, जिसका अर्थ है- ‘स्वर्ग का महल’।