नई दिल्ली। राजधानी जयपुर अब तेजी के साथ विकास की ओर बढ़ रही है। जहां एक ओर सड़क पानी बिजली की व्यवस्था के लिए काफी खर्च किया जा रहा है तो दूसरी ओर शहर के वार्डों के पुनर्सीमांकन और नगर निगम का दायरा बढ़ाने को लेकर कवाय़द जारी है। अब यहां के जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि निगम सीमा क्षेत्र का दायरा बढ़ाया जाए। माना जा रहा है कि इस शहर में जहां 150 वार्ड थे अब उन्हें बढ़ाकर 160 जयपुर नगर निगम में होंगे। उन क्षेत्रों को निगम सीमा क्षेत्र में लिया जाएगा, जहां आबादी बस चुकी है और विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं।

माना जा रहा है कि राज्य सरकार जयपुर सहित जोधपुर और कोटा में भी एक-एक निगम बनाने जा रही है। जिसका खुलासा स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी कर चुके हैं। दरअसल, तीनों शहरों में एक-एक निगम करने का भाजपा का चुनावी वादा भी था यह सभी काम इस साल 2025 के अंत तक पूरे हो जाएंगे।

जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक-एक निगम हो इसके लिए लगातार संगठन स्तर पर बैठकें हो रही हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से इसके लिए रायमशुवरा भी लिया जा रहा है।

हर बार वार्ड बढ़े, निगम का दायरा वहीं

माना जाए को साल 1994 से लेकर आज तक नगर निगम की सीमा क्षेत्र में की बदलाव नही किया गया था और पार्षदों की संख्या बढ़ती जा रही थी। और नगर निगम की सीमा का विस्तार हो सके लिए समय समय पर मांग उठ भी रही थी।

-वर्ष 1994 में जयपुर नगर निगम का सफर 70 पार्षदों से शुरू हुआ था। उस दौरान बोर्ड में संख्या 91 थी। दो निगम होने से पहले हुए परिसीमन में वार्डों की संख्या 150 कर दी थी, जो अब बढ़कर 250 हो गई।